September 16, 2025

हर घर तिरंगा यात्रा में शामिल हुए सीएम धामी, देवीधुरा की बगवाल के लिए पहुंचे..

हर घर तिरंगा यात्रा में शामिल हुए सीएम धामी, देवीधुरा की बगवाल के लिए पहुंचे..

 

उत्तराखंड :  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देवीधुरा की फल और फूलों से खेली जाने वाली बगवाल में शामिल होने के लिए पहुंचे। इससे पहले सीएम धामी ने खटीमा में तिरंगा यात्रा निकाली। मां वाराही के धाम देवीधुरा के खोलीखांड दुबाचौड़ में बगवाल को लेकर उत्साह है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को चंपावत दौरे पर पहुंचे। सबसे पहले वह खटीमा में हर घर तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। इसके बाद मां वाराही के धाम देवीधुरा पहुंचे। मां वाराही के धाम देवीधुरा के खोलीखांड दुबाचौड़ में आज शुक्रवार को बगवाल मनाई जा रही है। बगवाल खोलीखांड दुबाचौड़ मैदान में फल और फूलों से खेली जाती है। चारखाम (चम्याल, गहड़वाल, लमगड़िया, वालिग) और सात थोक के योद्धा बगवाल में शिरकत की।

सीएम पुष्कर सिंह धामी में इस उत्सव में पहुंच गए हैं। बगवाल के लिए योद्धाओं के फर्रे तैयार हैं। बगवाल शुभ मुहूर्त के अनुसार दोपहर एक बजे बाज शुरू हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे। गहड़वाल खाम के योद्धा केसरिया, चम्याल खाम के योद्धा गुलाबी, वालिग खाम के सफेद और लमगड़िया खाम के योद्धा पीले रंग के साफे पहनकर बगवाल में शिरकत की।

क्या है बगवाल..

चार प्रमुख खाम चम्याल, वालिग, गहड़वाल और लमगड़िया खाम के लोग पूर्णिमा के दिन पूजा अर्चना कर एक दूसरे को बगवाल का निमंत्रण देते हैं। पूर्व में यहां नरबलि दिए जाने का रिवाज था लेकिन जब चम्याल खाम की एक वृद्धा के इकलौते पौत्र की बलि की बारी आई तो वंशनाश के डर से उसने मां वाराही की तपस्या की। देवी मां के प्रसन्न होने पर वृद्धा की सलाह पर चारों खामों के मुखियाओं ने आपस में युद्ध कर एक मानव बलि के बराबर रक्त बहाकर कर पूजा करने की बात स्वीकार ली। तभी से बगवाल शुरू हुई है।