June 27, 2025

ऋषिकुल में बनेगा महामना मदन मोहन मालवीय प्राच्य शोध संस्थान- सीएम धामी..

ऋषिकुल में बनेगा महामना मदन मोहन मालवीय प्राच्य शोध संस्थान- सीएम धामी..

 

उत्तराखंड: सीएम धामी ने रविवार को हरिद्वार के ऋषिकुल क्षेत्र में महामना मदन मोहन मालवीय प्राच्य शोध संस्थान की स्थापना की घोषणा की है। यह घोषणा उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के 70वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने के दौरान की। सीएम ने कहा कि यह संस्थान भारत की प्राच्य विद्या, संस्कृति और सनातन ज्ञान परंपरा के संरक्षण एवं शोध को बढ़ावा देगा। यह शोध संस्थान महामना मालवीय जी के विचारों और आदर्शों को आगे बढ़ाने का कार्य करेगा। समारोह के बाद सीएम ने जगद्गुरु आश्रम पहुंचे और स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान सीएम और जगद्गुरु के बीच करीब डेढ़ घंटे तक विस्तार से वार्ता हुई, जिसमें धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर चर्चा हुई।

हरिद्वार ऋषिकुल में महामना मदन मोहन मालवीय प्राच्य शोध संस्थान की स्थापना की घोषणा पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने सीएम पुष्कर सिंह धामी की सराहना की है। उन्होंने इस निर्णय को ऐतिहासिक और दूरदर्शिता से परिपूर्ण बताया। जगद्गुरु ने कहा कि महामना मालवीय जी के नाम पर शोध संस्थान की स्थापना, महापुरुषों के प्रति सच्चे सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश और देश में महापुरुषों से जुड़ी संस्थाओं का सम्मान करना न केवल उचित है, बल्कि आवश्यक भी है, ताकि भावी पीढ़ियां उनके विचारों और कार्यों से प्रेरणा ले सकें। स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि देश का मुकुट देवभूमि उत्तराखंड है और इस मुकुट को सजाने और संवारने का कार्य सीएम पुष्कर सिंह धामी पूरी निष्ठा से कर रहे हैं। उन्होंने सीएम के इस प्रयास को उत्तराखंड की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को सहेजने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

चारधाम यात्रा की सफलता देवभूमि के विकास की द्योतक- सीएम..

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि चारधाम यात्रा की अभूतपूर्व सफलता देवभूमि उत्तराखंड के सतत विकास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 33 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा में शामिल होकर देवदर्शन कर चुके हैं, जो प्रदेश की व्यवस्थाओं और श्रद्धालु विश्वास का प्रमाण है। सीएम धामी ने यह भी कहा कि अब देवभूमि के अन्य धार्मिक डेस्टिनेशन, जैसे कार्तिक स्वामी मंदिर (रुद्रप्रयाग) , जगन्नाथ मंदिर (उत्तरकाशी) व अन्य हर्षिल घाटी तज इन सभी स्थलों तक यात्रियों की आवाजाही पहले से कहीं ज्यादा सुगम और साधन-संपन्न हो गई है। सरकार ने यात्रा मार्गों, स्वास्थ्य सेवाओं, और परिवहन व्यवस्थाओं में सुधार करते हुए श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा देने का प्रयास किया है।

सीएम धामी ने कहा है कि मानसून के मद्देनज़र राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और सभी जिलों में जिलाधिकारियों, एसडीआरएफ (SDRF) व एनडीआरएफ (NDRF) के समन्वय से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अब तक कई बैठकें हो चुकी हैं, और दो से तीन महत्वपूर्ण बैठकें और प्रस्तावित हैं, ताकि किसी भी आपदा स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। सीएम धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। यात्रियों की सुरक्षा, ट्रैफिक मैनेजमेंट, स्वास्थ्य सुविधा और आपात प्रबंधन के सभी बिंदुओं पर प्रशासन काम कर रहा है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में जहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, वहीं मानसून सीजन में आपदा जैसी चुनौतियां भी सामने आती हैं। सरकार का प्रयास है कि यदि किसी भी प्रकार की आपदा आती है तो उससे निपटने में कोई कोताही न हो और व्यवस्थाएं पूरी तरह सक्षम हों।

सीएम धामी ने हाल ही में राज्य में हुई बादल फटने, भूस्खलन जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आपदाओं को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन उनके प्रभाव को कम करने (न्यूनिकरण) के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने स्वीकार किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन बड़ी चुनौती है। कई बार कठिन परिस्थितियाँ सामने आती हैं, लेकिन राज्य सरकार हर समस्या का समाधान कर यात्रा को सुचारू रूप से संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही देहरादून में 28 नवंबर 2023 को विश्व आपदा सम्मेलन भी किया था। इसमें आपदाओं में उत्तराखंड के साथ-साथ अन्य देशों के विशेषज्ञ शामिल हुए थे। इसमें वृहद चर्चा हुई थी कि आपदाओं को कम कैसे किया जाएग। उस विषय को लेकर लगातार काम भी किया जा रहा है।