साहसिक खेलों के शौकीनों का इंतजार हुआ खत्म..
गंगा में पर्यटकों ने रीवर राफ्टिंग का लिया आनंद..
उत्तराखंड: साहसिक खेलों के शौकीनों का इंतजार समाप्त हो गया है। लंबे समय के इंतजार के बाद शनिवार को गंगा में पर्यटकों ने रीवर राफ्टिंग का आनंद लिया। पर्यटकों ने मरीन ड्राइव से शिवपुरी, क्लब हाउस और ब्रह्मपुरी से नीमबीच तपोवन तक राफ्टिंग का आनंद लिया। उत्तराखंड पर्यटन विभाग से शनिवार सुबह राफ्टिंग के संचालन को हरी झंडी मिली।
जिसके बाद पर्यटकों ने गंगा में रीवर राफ्टिंग शुरू की। इस दौरान रीवर राफ्टिंग का संचालन करने से पहले राफ्ट व्यवसायियों ने विधि विधान के साथ मां गंगा की पूजा अर्चना की। उसके बाद पर्यटकों ने भी जय मां गंगे उद्घोष के साथ गंगा में राफ्टिंग का आनंद उठाया। शनिवार शाम चार बजे तक करीब 500 पर्यटकों ने राफ्टिंग की है।
बता दे कि मानसून की दस्तक के बाद गंगा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मुनिकीरेती क्षेत्र में गंगा में होने वाली विश्व प्रसिद्ध रिवर राफ्टिंग रोक दी गई थी। अब 2 महीने बाद राफ्टिंग के शौकीनों को एक बार फिर रिवर राफ्टिंग का मौका मिलेगा। अगर आप भी रिवर राफ्टिंग के शौकीन है और इस सीजन में राफ्टिंग का लुफ्त उठा नहीं पाए तो आपका इंतजार खत्म हो गया है।
गंगा के विश्व प्रसिद्ध कौडियाला मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में आज से राफ्टिंग की गतिविधि शुरू हो गयी है। पहले चरण में मरीन ड्राइव से शिवपुरी तथा क्लब हाउस से मुनिकिरेती तक राफ्टिंग संचालन की अनुमति दी गई है। 16 सितंबर को शनिवार 17 सितंबर को रविवार है। लगातार दो दिन छुट्टी है। ऐसे में राफ्टिंग शुरू होने पर भीड़ आने की उम्मीद है।
बता दे कि पर्यटन विभाग की टीम ने गंगा में राफ्टिंग शुरू करने के लिए शुक्रवार को मरीन ड्राइव से निम बीच तक निरीक्षण किया था। टीम ने गंगा नदी के जलस्तर को राफ्टिंग के लिए सुरक्षित पाया। टीम ने इसकी रिपोर्ट पर्यटन निदेशालय भेज दी, जिसके बाद निदेशालय से हरी झंडी मिलते ही राफ्टिंग शुरू की दी गई।
गंगा नदी में राफ्टिंग के संचालन के लिए पर्यटन विभाग की टीम ने जिला साहसिक खेल अधिकारी खुशहाल सिंह नेगी के नेतृत्व में मरीन ड्राइव से निम बीच तक गंगा का निरीक्षण किया था। गंगा का पानी मटमैला था, लेकिन गंगा के जल का वेग कम होने के कारण टीम ने गंगा नदी में राफ्टिंग संचालन के लिए सही पाया गया।
12 सितंबर को पर्यटन विभाग की टीम ने नदी में राफ्टिंग के लिए मरीन ड्राइव से निम बीच तक निरीक्षण किया था। लेकिन उस दौरान गंगा नदी में पानी मटमैला होने के साथ लकड़ी की डाट बहकर आ रही थी। शुक्रवार को टीम ने दो राफ्ट और पांच सेफ्टी क्याक की मदद से टीम ने 24 किमी गंगा नदी का निरीक्षण किया।
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