September 20, 2024

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय नौसेना के कार्यक्रम में पहुंचे, संगोष्ठी ‘स्वावलंबन’ में लिया हिस्सा..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय नौसेना के कार्यक्रम में पहुंचे, संगोष्ठी ‘स्वावलंबन’ में लिया हिस्सा..

 

 

देश – दुनिया :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित NIIO (नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन) संगोष्ठी ‘स्वावलंबन’ में हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इस दौरान भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए NIIO को अगस्त 2020 में लॉन्च किया गया था। इस संगोष्ठी से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और बढ़ावा मिलेगा और नौसेवा की भारतीय उद्योग से सहभागिता को भी गति मिलेगी।

NIIO संगोष्ठी ‘स्वावलंबन’ में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1980 में आज ही के दिन हमारे देश ने स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया था। आज ही के दिन हमारे देश ने स्वदेशी प्रक्षेपण वाहन से स्वदेशी उपग्रह रोहिणी को सफलतापूर्वक लॉन्च भी किया था।

इसके बाद पीएम मोदी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य, 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है। आत्मनिर्भर नौसेना के लिए पहले स्वावलंबन सेमिनार का आयोजन होना, इस दिशा में अहम कदम है।

उन्होंने कहा कि नौसेना के लिए 75 स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का निर्माण एक तरह से पहला कदम है। हमें इनकी संख्या को लगातार बढ़ाने के लिए काम करना है। आपका लक्ष्य होना चाहिए कि भारत जब अपनी आजादी के 100 वर्ष का पर्व मनाए, उस समय हमारी नौसेना एक अभूतपूर्व ऊंचाई पर हो।

पीएम मोदी ने कहा कि बीते दशकों की अप्रोच से सीखते हुए आज हम सबका प्रयास की ताकत से नए रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का विकास कर रहे हैं। आज रक्षा अनुसंधान एवं विकास को निजी क्षेत्र, शिक्षाविद, MSMEs और स्टार्ट-अप के लिए खोल दिया गया है।

उन्होंने कहा कि अपनी पब्लिक सेक्टर डिफेंस कंपनियों को हमने अलग-अलग सेक्टर में संगठित कर उन्हें नई ताकत दी है। आज हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि IIT जैसे अपने प्रमुख संस्थान को भी हम रक्षा अनुसंधान और नवाचार से कैसे जोड़ें। बीते 8 वर्षों में हमने सिर्फ रक्षा क्षेत्र का बजट ही नहीं बढ़ाया है, ये बजट देश में ही रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में भी काम आए, ये भी सुनिश्चित किया है। रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए तय बजट का बहुत बड़ा हिस्सा आज भारतीय कंपनियों से खरीद में ही लग रहा है।