
उत्तराखंड में 2026 में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक नंदा देवी राजजात यात्रा को भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को एक वर्चुअल बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को उच्च स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए ताकि यात्रा की योजना और क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि पिछली यात्राओं से मिली सीख को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं बनाई जाएं, खासकर पैदल मार्ग, ठहराव, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएं और आपातकालीन सेवाएं मजबूत की जाएं।
धामी ने यात्रा मार्ग पर डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और दूरसंचार सुविधाओं को मजबूत करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हेल्पलाइन नंबर, हेली एंबुलेंस, मेडिकल कैंप, और पर्याप्त चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने वर्षा ऋतु में संभावित संक्रामक रोगों से बचाव के लिए भी विशेष प्रबंध करने को कहा।
सीएम ने यह भी कहा कि अधिकतर पड़ाव वन क्षेत्र में आते हैं, ऐसे में पर्यावरण और वन संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त टेंट, भोजन, स्नानघर, शौचालय, और पेयजल की व्यवस्था की जाए।
लोककथाओं और लोकगीतों के अभिलेखीकरण और यात्रा पड़ावों का प्रचार-प्रसार भी मुख्यमंत्री के निर्देशों में शामिल रहा। भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक सिस्टम और पार्किंग स्थलों पर विशेष फोकस देने की बात भी उन्होंने कही।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि हर महीने तैयारियों की समीक्षा करें और गढ़वाल-कुमाऊं आयुक्त साप्ताहिक रूप से रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों से डोलियां निकलती हैं, वहां सड़क, जल और अन्य मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2026 की नंदा देवी राजजात यात्रा और 2027 में हरिद्वार कुंभ का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अत्यंत भव्य और दिव्य रूप में किया जाएगा।
इस बैठक में राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित जिलाधिकारी मौजूद रहे।
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