यात्रियों की जान पर भारी साबित हो रही ड्राइवरों की नींद ..
उत्तराखंड : यात्रा की वजह से इन दो महीनों में लाखों की संख्या में सैलानी देश के अलग-अलग हिस्सों से उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। परिवहन विभाग ने वैसे तो ड्राईवरों के आराम के लिए सख्त नियम बनाए हैं, लेकिन उनकी नींद की व्यवस्था और जांच ठीक से नहीं हो पा रही है।
चारधाम यात्रा में यात्रियों की जान पर ड्राइवरों की नींद भारी साबित हो रही है। हालात यह हो गए हैं कि यात्रा के लिए वाहनों की भारी किल्लत है, जो वाहन उपलब्ध हैं, उनके चालक दिन-रात एक कर वाहन चला रहे हैं। प्रदेश में मई और जून दो माह ऐसे हैं, जब ड्राइवरों को नींद तक नसीब नहीं होती है।
वाहन चालक दिन-रात सड़कों पर यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह छोड़ने में व्यस्त हैं। क्योंकि, चारधाम यात्रा की वजह से इन दो महीनों में लाखों की संख्या में सैलानी देश के अलग-अलग हिस्सों से उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। यात्रा सीजन में अधिक पैसा कमाने की होड़ और वाहनों की कम संख्या के चलते यात्रियों का दबाव चालकों के लिए मुसीबत बन रहा है।
वह नींद से समझौता कर रहे हैं। परिवहन विभाग ने वैसे तो ड्राईवरों के आराम के लिए सख्त नियम बनाए हैं, लेकिन उनकी नींद की व्यवस्था और जांच ठीक से नहीं हो पा रही है।
आसान नहीं चारधाम यात्रा की राह..
चारधाम यात्रियों को डेंजर जोन, ब्लैक स्पॉट और भूस्खलन क्षेत्र से सुरक्षित आवाजाही कराना राज्य सरकार के साथ जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय के मुताबिक, चारधाम यात्रा रूट पर 164 ब्लैक स्पॉट और 77 क्रैश साइट हैं, जो हादसों को दावत दे रहे हैं। ऐसे में ट्रैफिक विभाग ने सरकार को सूची भेजते हुए इन चिह्नित स्थानों के ट्रीटमेंट की गुहार लगाई है।
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