धामी सरकार ने भंग किया देवस्थानम बोर्ड, पूरी हुई तीर्थपुरोहितों की मांग..
सभी से बात करने के बाद लिया फैसला वापस-धामी..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है. चारधाम हकहकूकधारी महापंचायत के बैनर तले तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. माना जा रहा है कि यह फैसला उत्तराखंड, बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. यहां की सत्ता पर काबिज बीजेपी को यह डर सता रहा था कि कहीं इस मांग की अनदेखी करने से चुनावों में ब्राह्मण वोट बैंक उससे दूर न हो जाए.
सीएम धामी ने कहा कि हमने देवस्थानम बोर्ड को लेकर विभिन्न संगठनों, तीर्थ-पुरोहित, पंडा समाज के लोग, सामाजिक संगठनों और जन प्रतिनिधियों से बात कर और सुझाव के बाद विचार करते हुए हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि हम इस अधिनियम को वापस ले रहे हैं. सीएम धामी ने कहा कि एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई थी. उस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है. आगे चलकर सभी से बात कर उत्तराखंड के विकास के लिए काम करेंगे.
सबसे ज्यादा विवाद चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम की धारा 22 पर था, इसके अनुसार चारधाम देवास्थानम से संबंधित सभी संपत्तियां जो कि सरकार, जिला पंचायत, जिला परिषद, नगर निगम के नियंत्रण में हैं या फिर किसी कंपनी, सोसाइटी, संगठन के अधिकार में हैं उनका हस्तांतरण बोर्ड को हो जाएगा. धारा 22 के तहत ही बोर्ड को यह ताकत थी कि डेवलपमेंट के नाम पर वह मंदिर के आसपास की भूमि का को अधिग्रहित कर सकता है. इसे सरकार की ओर से धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप माना जा रहा था. पुजारी पुरोहित इसे अपने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप मान रहे थे.
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