October 19, 2024

बीकेटीसी विश्राम गृहों के मरम्मत कार्य और सामान आपूर्ति की गुणवत्ता घटिया..

बीकेटीसी विश्राम गृहों के मरम्मत कार्य और सामान आपूर्ति की गुणवत्ता घटिया..

 

 

उत्तराखंड: बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के विश्राम गृह और धर्मशालाओं में मरम्मत कार्य और सामान आपूर्ति की गुणवत्ता घटिया पाई गई। जांच के लिए गठित उप समिति की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के आधार पर बीकेटीसी ने मरम्मत कार्य करने और विश्राम गृहों में सामान की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार का भुगतान रोक दिया है।

 

बीकेटीसी ने ठेकेदारों को दो सप्ताह के भीतर दोबारा से काम शुरू करने के आदेश दिए हैं। चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले बीकेटीसी ने विश्राम गृह, धर्मशालाओं में मरम्मत अन्य सामान के लिए टेंडर के माध्यम से ठेकेदारों का चयन किया था। लेकिन विश्राम गृह में ठहरने वाले यात्रियों की ओर से निर्माण कार्य और आपूर्ति सामान की गुणवत्ता को लेकर बीकेटीसी को शिकायत मिल रही थी। इस पर मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने जांच के लिए सितंबर 2023 में उप समिति गठित की थी। बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति ने धर्मशाला और विश्राम गृहों में निर्माण कार्य और सामान की जांच की। समिति ने भी जांच में गुणवत्ता घटिया पाई।

ठेकेदारों के भुगतान पर तत्काल रोक लगाई..

सोमवार को उपसमिति ने बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय को जांच रिपोर्ट सौंपी। जिसमें धर्मशालाओं के मरम्मत कार्य मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया। साथ ही धर्मशालाओं में आपूर्ति किए सामान की गुणवत्ता भी घटिया थी। रिपोर्ट के आधार पर मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने ठेकेदारों के भुगतान पर तत्काल रोक लगाई है। साथ ही मरम्मत कार्य व सामान की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों को दो सप्ताह के अंदर मानकों के अनुरूप दोबारा काम करने के आदेश दिए।

 

बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने आदेश जारी किए कि मानकों के अनुरूप कार्य करने का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के बाद ही ठेकेदारों को भुगतान किया जाएगा। बीकेटीसी के अलग-अलग स्थानों पर कई धर्मशालाएं हैं। जहां पर मरम्मत कार्य के साथ यात्रा सीजन के दौरान सामान की आपूर्ति के लिए ठेकेदारों को काम दिया गया। मरम्मत कार्य और सामान की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जिस पर समिति गठित कर जांच की गई। समिति की रिपोर्ट में गुणवत्ता में कमियां पाई गईं। इस पर बीकेटीसी ने संज्ञान लिया है।