बद्री केदार मंदिर समिति में हो रहे भ्रष्टाचार पर सरकार मौन..
धार्मिक संस्थानों को बनाया भाजपा ने लूट का केंद्र..
रुद्रप्रयाग। हिमालय में स्थित शिव तीर्थ केदारनाथ व बद्रीनाथ धामों के कपाट अब इस यात्राकाल के लिए बन्द होने को हैं और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इन धामों के दर्शन करने को उत्तराखंड में आ रहे हैं। जहां आज पीएम नरेन्द्र मोदी केदारनाथ बद्रीनाथ के दर्शन करेंगें और आपदा के बाद यहां हो रहे निर्माण कार्यो का भी धरातलीय निरीक्षण करेंगें। वहीं अहम बात यह कि क्या इस दौरान पीएम मोदी बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष पर लग रहे भाई भतीजावाद व भष्ट्राचार के मामलों की भी जांच करेंगें।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केदारपुरी व बद्रीनाथ को दिव्य स्वरूप देने की बात कर रहे हैं, वहीं बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय पूरी मनमानी कर विश्व स्तर की समिति बीकेटीसी की छवि धूमिल करने का कार्य कर रहे हैं, जिससे जनता में भारी आक्रोश है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने बीकेटीसी में चल रहे भ्रष्टाचार पर पीएम का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की मनमानी के कारण करोड़ों आस्थावान लोगों की भावना से खिलवाड़ किया जा रहा है।
कहा जनहित व आस्था को ध्यान में रखकर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय को हटाकर पूरे मामलों की जांच की जानी चाहिए। जिससे देवभूमि की संकल्पना साकार हो सके। कहा कि बड़ा सवाल यह कि इन धामों को संचालित करने वाली बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कब भ्रष्टाचार से बाज आयेगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि स्थिति ज्यादा खराब होती देख इस विश्व प्रसिद्ध समिति बीकेटीसी के सभी मामलों को लेकर सीएम धामी ने जांच की बात की है। कहा जहां एक तरफ बद्रीनाथ-केदारनाथ धामों के कपाट शीतकाल के लिए बन्द करने की घोषणा हो चुकी है।
तो अब बीकेटीसी के तमाम ऐसे मामले जो जांच के दायरे में प्रदेश को हिला के रख दंेगे। यहां प्रमोशन सहित तमाम अन्य कार्य यहां सरकार की गाइड लाइन के विपरित जैसे करने प्रतीत होते हैं। जो जांच का सबसे बड़ा विषय बना है। कहा कि यहां के अधिकारी-कर्मचारी सरकार को अंधरे में रखकर कार्य कर रहे हैं। अगर यहां बीकेटीसी के अध्यक्ष को नियुक्ति का अधिकार है तो नियुक्ति भी तो नियमानुसार होनी चाहिए। अगर समिति के कर्मचारियों को वेतनमान शासनादेश के अनुसार मिलते हैं तो प्रोन्नति भी तो नियमानुसार ही होनी चाहिए।
नेगी ने कहा कि जिस प्रकार से धार्मिक स्थानों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में लूट-खसोट करने में लगी है। सरकार के नुमाइंदे इन संस्थानों में सिर्फ अपने परिजनों को लाभ देने का काम करते हैं, जो कि सरेआम जग जाहिर है और प्रमोशन भी ऐसे लोगों को दिए जाते हैं, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार सहित कई अन्य मामले प्रकाश में आए हैं। लेकिन सरकार चुपचाप बैक डोर से धार्मिक संस्थानों में भारी गड़बड़ी फैला रही है और देश के प्रधानमंत्री उन्हीं धार्मिक स्थलों में जाकर पूजा अर्चना कर देश की कुशलता के लिए कामना करने की बात करते हैं।
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