December 4, 2024

निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखंड देश में नौंवे स्थान पर, हिमालयी राज्यों में अव्वल..

निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखंड देश में नौंवे स्थान पर, हिमालयी राज्यों में अव्वल..

 

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाई है। इस सूचकांक में प्रदेश ने रैंकिंग में सुधार कर इस बार देश में नौवां स्थान हासिल किया है। जबकि हिमालयी राज्यों में प्रदेश का पहला स्थान बरकरार है। नीति आयोग की ओर से 2022 की निर्यात तैयारी सूचकांक की रैकिंग को जारी कर दिया है। इस बार प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है। अपनी रैकिंग में प्रदेश ने सुधार कर देश में नौवां स्थान हासिल किया है। जबकि हिमालयी राज्यों में प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है।

देश में उत्तराखंड नौंवे स्थान पर

2022 की निर्यात तैयारी सूचकांक की रैकिंग में उत्तराखंड नौंवे स्थान पर है। जबकि पिछले साल उत्तराखंड इस रैकिंग में 19 वें स्थान पर था। इस रैकिंग में पहले स्थान पर तमिलनाडु और दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है। इसके साथ ही हिमालयी राज्यों में प्रदेश का पहला स्थान रहा जो कि पिछले साल भी पहला था। जबकि दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश और तीसरे स्थान पर मणिपुर है। आपको बता दें कि राज्य ने नई निर्यात और लॉजिस्टिक नीति को लागू किया है। इसके साथ ही निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रदेश के हर जिले से दो उत्पादों का चयन किया गया है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि माना है। सीएम धामी का कहना है कि रैकिंग में आए सुधार का श्रेय राज्य सरकार की हाल में बनाई गई नीति को जाता है। इसके साथ ही निर्यात के लिए तैयार किए गए परिवहन और अन्य अवस्थापना सुविधा विस्तार को भी सीएम धामी ने इसका श्रेय दिया है।

निर्यात नीति के साथ लॉजिस्टिक नीति की गई लागू..

वही सीएम धामी ने कहा कि देहरादून और पंतनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाने की कोशिश की जा रही है। हवाई यात्रा को बढ़ावा मिले इसलिए टर्बाे फ्यूल में 18 प्रतिशत की कमी की गई है। जिस से अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा और दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा से व्यापार और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर, दो फार्मा सिटी, एरोमा पार्क, प्लास्टिक पार्क भी विकसित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश में निर्यात नीति तो लागू की ही गई है इसके साथ ही लॉजिस्टिक नीति भी लागू की गई है। प्रदेश के हर जिले से दो उत्पादों का एक जिला दो उत्पाद के तहत चयन किया गया है।