June 26, 2025

चारोधामों में हर दिन पहुंच रहे 50 हजार से अधिक श्रद्धालु

चारोधामों में हर दिन पहुंच रहे 50 हजार से अधिक श्रद्धालु..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों पर मुश्किलें बढ़ गई हैं। जगह-जगह चट्टानें गिरने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण रास्ते अवरुद्ध हो रहे हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था इन चुनौतियों से कहीं अधिक मजबूत साबित हो रही है। बारिश के चलते बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के मार्गों पर कई बार यातायात प्रभावित हो रहा है। इसके बावजूद प्रतिदिन 50 हजार से अधिक श्रद्धालु न केवल चारधामों में दर्शन कर रहे हैं, बल्कि हेमकुंड साहिब जैसे दुर्गम तीर्थ स्थलों पर भी बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। प्रशासन द्वारा लगातार मार्गों को खोलने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमें मौके पर तैनात हैं। यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह भी दी जा रही है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मौसम की चुनौती के बावजूद यात्रियों की संख्या में कोई खास गिरावट नहीं आई है। इससे यह साफ है कि श्रद्धालुओं की आस्था हर बाधा को पार कर रही है, चाहे वह चट्टान हो या मूसलधार बारिश।

देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को 30 जून को दो माह पूरे हो जाएंगे। इस दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 35 लाख के आंकड़े को छूने वाली है। यात्रा का चरम दौर जून माह की शुरुआत में देखने को मिला, जब प्रतिदिन 70 हजार से अधिक श्रद्धालु चारधामों में दर्शन कर रहे थे। लेकिन अब मानसून की दस्तक के साथ यह संख्या घटकर 50 हजार प्रतिदिन के करीब पहुंच गई है। भारी बारिश, भूस्खलन और चट्टान गिरने की घटनाएं यात्रा मार्गों पर बाधाएं बनकर खड़ी हो रही हैं। कई स्थानों पर बार-बार मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए हेली सेवा का संचालन सुरक्षा कारणों से पहले ही स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन लगातार मार्गों को खोलने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटा है। हालांकि मौसम की चुनौती के बावजूद, श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। चारधाम यात्रा की रफ्तार भले ही धीमी पड़ी हो, लेकिन आस्था की यह यात्रा प्राकृतिक विपदाओं को चुनौती देते हुए निरंतर जारी है।

पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 24 जून तक चारधाम यात्रा में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 35 लाख को पार कर चुकी है। वहीं, यात्रा के लिए कुल पंजीकरण का आंकड़ा 46 लाख से अधिक हो चुका है। इस संबंध में यात्रा पंजीकरण के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने कहा कि यात्रा पूरी तरह से सुचारू रूप से संचालित हो रही है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा हरिद्वार, ऋषिकेश, हरबर्टपुर और विकासनगर में बनाए गए यात्रा सहायता केंद्रों में भीड़ का खासा दबाव देखा जा रहा है। इन केंद्रों पर हर दिन 8 से 10 हजार तक ऑफलाइन पंजीकरण किए जा रहे हैं। जिससे यह दर्शाता है कि मानसून के शुरुआती प्रभाव के बावजूद श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर उत्साह बरकरार है। हालांकि, पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन और चट्टान गिरने की घटनाएं, यात्रा के मार्ग में रुकावट बन रही हैं। प्रशासन का दावा है कि मार्गों की निगरानी और सुधार कार्य लगातार जारी है, ताकि यात्रा बाधित न हो और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित दर्शन का अनुभव मिल सके।