November 10, 2024

उत्तराखंड में युवाओं ने भांग से तैयार की बिल्डिंग..

उत्तराखंड में युवाओं ने भांग से तैयार की बिल्डिंग..

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज करेंगे उद्घाटन..

 

 

उत्तराखंड: भांग से बिल्डिंग बनाने की युवाओं की कोशिश सफल हुई। यमकेश्वर फलदाकोट मल्ला में भांग (हेंप) से बिल्डिंग का निर्माण किया गया, जिसका आज पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उद्घाटन करेंगे। नम्रता कंडवाल, गौरव दीक्षित और उनकी टीम का दावा है कि भारत में भांग से पहली बिल्डिंग का निर्माण किया गया है।

गोहेंप एग्रोवेंचर्स द्वारा भांग से बिल्डिंग का निर्माण..

पौड़ी के यमकेश्वर कंडवाल फलदाकोट मल्ला में गोहेंप एग्रोवेंचर्स द्वारा भांग से बिल्डिंग का निर्माण किया गया है। नम्रता, गौरव और उनकी टीम लंबे समय से इसमें जुटे हुए थे। युवाओं का कहना है कि भांग का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। यह रोजगार बड़ा माध्यम बन सकता है। इस पर गहन शोध किया जाए तो इसके कई फायदों के बारे में हमें पता चलेगा। भांग से तैयार बिल्डिंग के अलावा स्वदेशी तकनीकी से भारत में निर्मित देश की पहली हेंप डेकोर्टिकेटर मशीन भी उत्तराखंड में गोहेंप एग्रोवेंचर्स स्टार्टअप द्वारा लाई गई है।

हेंप डेकोर्टिकेटर मशीन के यह हैं फायदे..

नम्रता का कहना हैं कि मशीन की सहायता से औद्योगिक हेंप के रेशे को बिना पानी के ही क्षणभर में लकड़ी से अलग किया जा सकता है। वर्तमान में हेंप इत्यादि के रेशे को अलग करके इसके गट्ठर सिर पर ढोकर गदेरे (साफ पानी के प्राकृति नाले) तक ले जाने पड़ते हैं। और फिर यहां लगभग एक महीने इसे गलाना पड़ता है। तब कई दिनों तक पत्थर पर पीटकर रेशा निकाला जाता है। पारंपरिक तकनीक में श्रम की अधिकता, पानी एवं समय की अत्याधिक खपत के कारण ग्रामीणों ने इसके रेशे का उपयोग अब बंद या कम कर दिया है। ऐसे में हेंप रूपी इस अद्भुत प्राकृतिक संसाधन का समुचित सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।

नम्रता ने कहा कि आज जिस भांग की लकड़ी को किसान जला रहा है, इस मशीन की सहायता से उनके रेशे निकालकर, कपड़ा, कागज, इथेनॉल, बायो प्लास्टिक, बिल्डिंग मैटेरियल जैसी इंडस्ट्री में रेशे की खपत पूरी की जा सकती है। इससे प्रदेश में एक बिल्कुल नई हेंप फाइबर इंडस्ट्री की स्थापना हो सकती है।