उत्तराखंड के सभी निकायों में मौजूद मलिन बस्तियों के सुधरेंगे हालात- सीएस रतूड़ी..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से निकाय क्षेत्रों में मलिन बस्तियों की रिपोर्ट सात दिन में तलब की है। उन्होंने अफसरों को नसीहत दी कि बस्तियों के सुधार, पुनरुद्धार और पुनर्वास में संवेदनशीलता और मानवीयता के साथ काम किया जाए। उन्होंने मलिन बस्तियों के विकास के लिए कॉपर्स फंड बनाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव राज्य सचिवालय में राज्यस्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उनका कहना हैं कि मलिन बस्तियों में विकास, पुनरुद्धार और पुनर्वास की कार्ययोजना पर जल्द से जल्द काम शुरू होना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण, पुनरुद्धार, पुनर्वास के कार्यों में संवेदनशीलता एवं मानवीयता का ध्यान रखा जाए।
उन्होंने इस संबंध में शहरी विकास विभाग और आवास विभाग की एक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहरी विकास विभाग को निर्देश दिए कि वह सफाई कर्मचारियों के लिए पर्याप्त आवास एवं बीमा की व्यवस्था करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करे। बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु सहित अन्य अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जानकारी दी गई कि 21 दिसंबर 2016 की विभिन्न श्रेणियों के तहत प्रदेश में अलग-अलग श्रेणियों में 228 मलिन बस्तियां चिह्नित हैं। इनमें जिला बागेश्वर में श्रेणी एक की चार मलिन बस्तियां और श्रेणी दो की दो, हरिद्वार में श्रेणी एक की 57 मलिन बस्तियां, श्रेणी दो की दो और श्रेणी तीन की 24, नैनीताल में श्रेणी एक की 37, श्रेणी दो की एक, श्रेणी तीन की 23, अल्मोड़ा में श्रेणी एक की चार और देहरादून में कुल 128 मलिन बस्तियां चिह्नित हैं।
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