चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगी ये खास सुविधा..
परिवहन विभाग ने उठाया ये कदम..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा दर्शन के लिए हर साल श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। हर साल की तरह ही इस साल भी श्रद्धालु इन पवित्र स्थानों की यात्रा के लिए इंतजार कर रहे हैं। जल्द ही उनका इंतजार खत्म हो जाएगा। क्योंकि जल्द ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। इसके लिए तमाम विभाग तैयारियों में जुट चुके हैं। वहीं चारधाम यात्रा को प्रदूषण मुक्त बनाने की कवायद तेज हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश पर केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों के मार्गों को प्रदूषण मुक्त बनाया जाएगा।
ऐप के जरिए मिलेगी जानकारी..
आपको बता दे कि देहरादून के आरटीओ सुनील शर्मा का कहना है कि इस बार चारधाम यात्रा में नई पहल की जा रही है, जिसके तहत यात्रा के लिए लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों (कमर्शियल या निजी वाहन) लाने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही चारधाम यात्रा पर पड़ने वाले सभी मार्गों पर विभाग द्वारा 28 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) नोडल एजेंसी के तौर पर सुनिश्चित की गई है। जीएमवीएन के माध्यम से रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली आदि सभी रुट मार्गों पर 30 से 35 किमी के दायरे पर ये चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। इन व्यवस्थाओं की जानकारी ऐप के माध्यम से दी जाएगी।
चार्जिंग स्टेशन
उनका कहना हैं कि चारधाम यात्रा पर आने वाला व्यक्ति अगर इलेक्ट्रिक वाहनों को लाता है और उसे गाड़ी को चार्ज करने की जरूरत होती है, तो वह इस ऐप के माध्यम से चेक कर सकता है कि उसका नजदीकी चार्जिंग स्टेशन कहां पड़ रहा है और वहां कितनी गाड़ियों की लाइन लगी है। जिसके हिसाब से वह अपनी गाड़ी के लिए चार्जिंग की व्यवस्था कर सकता है। इसमें एक गाड़ी को चार्ज होने में करीब एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाएगा और 15 से 20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से उनसे चार्ज किया जाएगा। एक गाड़ी में लगभग 30 यूनिट की चार्जिंग की जाती है, जो 400 से 650 रुपए की चार्जिंग हो जाएगी। इससे 200 से 250 किमी की दूरी गाड़ी तय कर सकती है।
चार्जिंग स्टेशन न होने से स्थानीय भी परेशान..
आपको बता दे की फरवरी 2018 में संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक हुई थी, जिसमें वाहनों से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता जताई गई थी। इसके बाद राज्य में लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके बाद देहरादून में वाहनों की संख्या तो बढ़ी लेकिन उचित चार्जिंग स्टेशन न होने के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब इस रणनीति से चारधाम यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी सुविधा मिल सकेगी।
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