April 11, 2025

उत्तराखंड में अगले महीने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन के साथ ही मिलेगा प्रशिक्षण..

उत्तराखंड में अगले महीने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन के साथ ही मिलेगा प्रशिक्षण..

 

 

उत्तराखंड: राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्र अप्रैल-मई से हाईटेक होने जा रहे हैं, जिससे बाल विकास योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। सबसे पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए जाएंगे और उन्हें तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। अप्रैल में उन्हें स्मार्टफोन वितरित किए जाएंगे। मई में प्रत्येक जिले में “पोषण ट्रैकर एप” के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक जिले में सर्विस सेंटर स्थापित किया जाएगा। सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों की कार्यकर्ताओं के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध होगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 20,000 से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन देने का टेंडर फाइनल हो चुका है। इस डिजिटल बदलाव से पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।

उत्तराखंड सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन देने की प्रक्रिया को एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। शुक्रवार को इन स्मार्टफोन को तकनीकी मंजूरी मिल गई, जिससे अब इनके वितरण का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार के सामने विभाग की वार्षिक प्रस्तुति में यह प्रस्ताव रखा गया है कि प्रत्येक कार्यकर्ता को प्रतिदिन 2 जीबी डेटा उपलब्ध कराया जाए। इससे पोषण ट्रैकर एप और अन्य डिजिटल सेवाओं का सुचारू रूप से संचालन संभव होगा। स्मार्टफोन को सुरक्षित रखने के लिए कार्यकर्ताओं को एक विशेष पारदर्शी कवर भी दिया जाएगा, ताकि बरसात के मौसम में फोन खराब न हो। यह कदम खासतौर पर पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों की कार्यकर्ताओं के लिए बेहद लाभदायक होगा।

पोषण ट्रैकर एप की आवश्यकता..

पोषण ट्रैकर एप राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों की लाइव ट्रैकिंग का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। इस डिजिटल समाधान से विशेष रूप से सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की निगरानी बेहतर होगी। साथ ही कार्यकर्ताओं को दैनिक गतिविधियों, उपस्थिति और सेवाओं को अपडेट करने में मदद मिलेगी। केंद्रों की गतिविधियों में पारदर्शिता आएगी और कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण प्रभावी होगा। इसके साथ ही मिशन पोषण और आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक साबित होगा। बच्चों और महिलाओं के पोषण व संपूर्ण विकास को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का काम अधिक सुव्यवस्थित और आसान होगा। राज्य सरकार इस डिजिटल पहल के जरिए आंगनबाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का लक्ष्य रख रही है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्मार्टफोन और डेटा रिचार्ज मिलने से पहले पोषण ट्रैकर एप के जरिए फेस कैप्चरिंग से हाजिरी दर्ज करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि बिना आवश्यक संसाधनों के एप का इस्तेमाल करना उनके लिए संभव नहीं है। उनका कहना हैं कि पहले उन्हें स्मार्टफोन और डेटा रिचार्ज की सुविधा मिलनी चाहिए । साथ ही एप के उपयोग से पहले उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। बिना प्रशिक्षण के किसी भी कार्यकर्ता पर एप के इस्तेमाल करने का दबाव न बनाया जाए। संगठन ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि जब तक इन बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था नहीं होती, तब तक कार्यकर्ता नई प्रणाली को अपनाने के लिए बाध्य नहीं होंगे। यह मांग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि डिजिटल प्रणाली में बदलाव के लिए उचित प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता आवश्यक है।