July 23, 2025

हिमाचल में आपदा प्रबंधन का अध्ययन करने जाएगा उत्तराखंड का विशेष दल..

हिमाचल में आपदा प्रबंधन का अध्ययन करने जाएगा उत्तराखंड का विशेष दल..

 

उत्तराखंड: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) का एक विशेष दल अब हिमाचल प्रदेश का दौरा करेगा। यह टीम वहां हाल ही में हुई भारी बारिश से उत्पन्न आपदा की स्थिति और उससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रशासनिक उपायों का गहन अध्ययन करेगी। मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने यह निर्देश राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इस अध्ययन दौरे का उद्देश्य उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाना है, जिससे राज्य किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बेहतर तैयार रह सके। टीम द्वारा हिमाचल प्रदेश की रणनीतियों, संसाधनों के उपयोग और प्रशासनिक समन्वय के मॉडल का विश्लेषण किया जाएगा।

मुख्य सचिव का कहना हैं कि हिमाचल और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां समान हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि हिमाचल में अपनाई जा रही आपदा प्रबंधन कार्यप्रणालियों को समझा जाए, ताकि उत्तराखंड में भी ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष हिमाचल में भारी बारिश से गंभीर नुकसान हुआ है, जिससे उत्तराखंड को सीख लेने की आवश्यकता है। बैठक के दौरान उन्होंने राज्य में हो रही बारिश, मौसम विभाग के आगामी पूर्वानुमान, भूस्खलन से बंद सड़कों की स्थिति और राहत-बचाव कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जेसीबी व अन्य आवश्यक संसाधनों की तैनाती पहले से सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में 15 मिनट के भीतर कार्रवाई की जा सके। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन को निर्देशित किया गया है कि वह इस अध्ययन दौरे की पूरी योजना तैयार करें और दल को हिमाचल भेजने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करें।

उत्तराखंड में मानसून सक्रिय हो चुका है और मौसम विभाग ने देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। साथ ही अगले सात दिनों के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में बुधवार से येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। यह जानकारी आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान दी। सचिव ने कहा कि जून में प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई थी, जबकि जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने पूरे मानसून सीजन में सामान्य से 108% अधिक वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है, जो प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के लिए अतिरिक्त सतर्कता का संकेत है। मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने जानकारी दी कि अभी तक प्रदेशभर में औसतन 317.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। जिलावार आंकड़ों के अनुसार बागेश्वर में सबसे अधिक 765.5 मिमी, चमोली में 428.2 मिमी, रुद्रप्रयाग में 388.8 मिमी, देहरादून में 380.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि मौसम पूर्वानुमान के अनुरूप तैयारी सुनिश्चित की जाए, विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में सतत निगरानी, मशीनरी की तैनाती और अलर्ट सिस्टम को पूरी तरह सक्रिय रखा जाए।

तहसील स्तर पर बनेगा अलर्ट व्हाट्सएप ग्रुप..

उत्तराखंड में आपदा के समय सूचना के त्वरित प्रसारण को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने तहसील स्तर पर विशेष व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए हैं, जिससे मौसम संबंधी चेतावनियां और आपदा से जुड़ी जरूरी जानकारी 15 मिनट के भीतर आम नागरिकों तक पहुंचाई जा सके। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि रियल टाइम सूचना आपदा प्रबंधन की कुंजी है और इसमें किसी भी प्रकार की देरी अस्वीकार्य होगी। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि सूचना का प्रवाह बिना बाधा और समयबद्ध होना चाहिए, ताकि संकट की स्थिति में समय रहते कार्रवाई की जा सके। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि SEOC (राज्य आपातकालीन केंद्र) और जिला आपातकालीन केंद्रों के लिए अलग-अलग स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में कार्यरत हर अधिकारी और कर्मचारी की भूमिका स्पष्ट होनी चाहिए। किसी भी परिस्थिति में भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए, ताकि आपदा के समय त्वरित और सटीक निर्णय लिए जा सकें। सभी जिलों के कंट्रोल रूम पूरी तरह से 24×7 एक्टिव रहें और स्थानीय प्रशासन आपसी समन्वय के साथ सूचना तंत्र को मजबूत बनाए।