जानिए क्या है बहुविवाह प्रथा ? जिस पर UCC लगाएगा रोक..
उत्तराखंड के इन इलाकों में आज भी है जारी..
उत्तराखंड: बहुविवाह प्रथा पर रोक लगाने की बात यूसीसी में कही गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बहुविवाह प्रथा या पॉलीगैमी क्या होती है। आपको बता दें कि बहुविवाह प्रथा या पॉलीगैमी में एक महिला की शादी दो या दो से अधिक पुरूषों के साथ होता है। भारत में इसे पॉलींड्री कहा जाता है। पॉलींड्री दुनिया भर में कई समाजों का एक हिस्सा रहा है। जिसमें एक महिला के एक ही समय में दो या दो से अधिक पति होते हैं। पहले ऐसे विवाह देश में आम बात थी। कई जनजातियों में इस प्रकार के विवाह किए जाते थे। इस से भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि ये प्रथा आज भी उत्तराखंड के कुछ इलाकों में पाई जाती है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में चीन सीमा से सटे कुछ गांवों में आज भी ये प्रथा चलती है। हालांकि पहले की तरह ही ये बहुविवाह बड़े पैमाने पर तो नहीं होते लेकिन पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुए हैं। कहा जाता है कि इस तरह के विवाह की शुरूआत महाभारत में द्रौपदी के पांच भाइयों से शादी करने की वजह से हुई थी। एक ही महिला के कई पति सुनने में अजीब तो लगता है लेकिन उत्तराखंड के कुछ इलाकों में ऐसी शादियां होती हैं। जितना ये आपको सुनने में अजीब लग रहा होगा उतना ही सही इसे स्थानीय लोग मानते हैं। यहां तक कि कुछ स्थानीय लोग इसे नॉर्मल मानते हैं। उत्तराखंड के चीन से सटे इलाकों में बहुविवाह प्रथा आज भी देखने को मिलती है। देहरादून जिले में लाखामंडल गांव की जौनसारी जनजाति के लोग आज भी अपनी धार्मिक परम्परा के चलते पॉलीऐन्ड्री विवाह या बहुविवाह करते हैं।
पति के भाईयों से महिला करती है शादी
आपको बता दें कि बहुविवाह में महिला की शादी जिस व्यक्ति से होती है महिला को उसके सभी भाईयों से शादी करनी पड़ती है। यानी कि महिला को अपने पति के सभी भाईयों को विवाह करना पड़ता है। इस विवाह में सभी भाई महिला के साथ बारी-बारी से समय बिताते हैं। महिला भी सभी भाईयों के साथ खुशी-खुशी अपना जीवन बिताती है।
उत्तराखंड के कुछ इलाकों के साथ ही पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी इसी तरह की परम्परा है। हिमाचल प्रदेश में बहुपति विवाह प्रचलित है। इसमें भी एक महिला की शादी घर के सभी बेटों से कर दी जाती है। इसके साथ ही अगर महिला के कई पतियों में से किसी एक की मौत हो जाती है तो भी उसे दुख नहीं मनाने दिया जाता है।
इस विवाह में ऐसे होता है तलाक..
इस तरह की शीदियों में तलाक का रिवाज भी होता है। तलाक के लिए महिला को सभी भाइयों को साथ जाकर तलाक की पारंपरिक परंपरा को पूरा करना होता है। इसके लिए दोनों पक्षों के लोग एक साथ बैठते हैं। जिसके बाद एक सूखी लकड़ी को तोड़ा जाता है। लकड़ी को तोड़ने का मतलब होता है कि तलाक लेकर अलग हो जाना। इसके बाद से उनके बीचे के संबंध खत्म हो जाते हैं।
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