चंपावत के बरमसकार तोक में न सड़क न आसपास स्वास्थ्य केंद्र..
डोली से पांच किमी ले गए फिर अस्पताल पहुंची गर्भवती..
उत्तराखंड: आजादी के इतने सालों बाद भी आज उत्तराखंड के कई ऐसे गांव हैं। जहां पर अभी तक भी सड़क नहीं पहुंच पायी हैं। सड़क विहीन गांव इन गांव के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसा ही एक मामला चंपावत जिले से भी सामने आया हैं। जहां सड़क विहीन गांव की एक गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाने में ग्रामीणों के पसीने छूट गए।
महिला को डोली से सड़क तक पहुंचाया गया और फिर वाहन से टनकपुर अस्पताल ले जाया गया। बता दे कि चंपावत से 60 किमी दूर झालाकुड़ी ग्राम पंचायत के बरमसकार तोक की सड़क से दूरी मुसीबत बन रही है। सड़क से पांच किमी दूर के इस गांव की एक गर्भवती महिला पूजा देवी (32) पत्नी सुरेश राम को मंगलवार देर शाम प्रसव पीड़ा हुई।
गांव से अस्पताल ले जाने के लिए डोली का सहारा लिया गया। डोली से सड़क तक ले जाने में गांव के मनोज कुमार, सुरेश राम, भरत, रघुवीर, मोहन राम, जीवन राम, बिशन राम, गणेश राम, सावित्री देवी, सीमा आर्या, भगवती देवी, पुष्पा देवी आदि ने सहयोग किया। उतार-चढ़ाव वाले इस संकरे और खतरनाक रास्ते को तय करने में करीब दो घंटे दस मिनट का समय लगा। फिर झालाकुड़ी से वाहन के जरिये 51 किमी दूर टनकपुर अस्पताल ले जाया गया। इलाज के बाद अब गर्भवती महिला की तबीयत में सुधार है।
आपको बता दे कि झालाकुड़ी ग्राम पंचायत के बरमसकार तोक की आबादी 170 से अधिक है। यहां 40 परिवार रहते हैं लेकिन बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं। न सड़क है न आसपास कोई स्वास्थ्य उप केंद्र है और न ही कोई अन्य जरूरी सुविधाएं। ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद इस गांव की हालत खराब है। ग्रामीणों ने सड़क सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं बेहतर करने की मांग की है।
ढाई साल पहले जा चुकी है एक जान..
चंपावत झालाकुड़ी के बरमसकार तोक के लोग सड़क नहीं होने का खामियाजा भुगतते रहे हैं। ढाई साल पहले ही समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने से एक युवती की जान जा चुकी है। दिसंबर 2020 में पेड़ से गिरकर चोटिल हुई 24 साल की सुनीता आर्या को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका था जिससे रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया था।
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