
उत्तराखंड पंचायत चुनाव- आरक्षण सूची जारी, 2011 की जनगणना बनी आधार..
उत्तराखंड: राज्य सरकार ने राज्य की त्रिस्तरीय पंचायतों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर अहम आदेश जारी कर दिया है। नए आदेश के अनुसार अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए इस बार ग्राम पंचायतों में 3909 प्रधान पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा, क्षेत्र पंचायत प्रमुख के 48 और जिला पंचायत सदस्य के 7 पद भी महिलाओं को आरक्षित रूप से मिलेंगे। शासन के अनुसार आरक्षण सूची का अंतिम प्रकाशन 18 जून 2025 को किया जाएगा। यह प्रक्रिया राज्य में आगामी पंचायत चुनावों की तैयारियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आरक्षण की यह व्यवस्था पंचायतों में समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की गई है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक आरक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्यायसंगत वितरण को प्राथमिकता दी जा रही है।
उत्तराखंड शासन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए आरक्षण निर्धारण संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य के 12 जिलों में पंचायत पदों के लिए आरक्षण का निर्धारण जनगणना वर्ष 2011 के आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा। शासनादेश के अनुसार दो जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति (SC) के लिए और दो पद अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित किए जाएंगे। साथ ही आरक्षण का कुल अनुपात SC, ST और OBC के लिए 50% की सीमा में रखा जाएगा, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। शासन ने स्पष्ट किया है कि आरक्षण प्रक्रिया पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से संचालित की जा रही है। राज्य में पंचायत चुनावों की औपचारिक तैयारियाँ तेज हो गई हैं। आगामी दिनों में आरक्षित पदों की विस्तृत सूची जिलावार प्रकाशित की जाएगी।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख के पदों पर अनुसूचित जनाति के लिए तीन, अनुसूचित जाति के लिए 18 और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15 पद आरक्षित होंगे। जबकि ग्राम पंचायत प्रधान के पदों पर अनुसूचित जनाति के लिए 226 पद, अनुसूचित जाति के लिए 1467 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1250 पद आरक्षित किए गए हैं।
आरक्षण आपत्ति एवं निपटारे के लिए समय सारणी जारी..
प्रधान पदों की संख्या का विवरण 11 जून
आरक्षण प्रस्तावों का अनंतिम प्रकाशन 13 जून
आरक्षण प्रस्तावों पर आपत्तियां प्राप्त करना 14 से 15 जून
डीएम की ओर से आपत्तियों का निस्तारण 16 से 17 जून
आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन 18 जून
आरक्षण प्रस्ताव निदेशालय को उपलब्ध 19 जून
आरक्षण प्रस्ताव शासन व राज्य निर्वाचन आयोग को 19 जून
आरक्षण के लिए यह फार्मूला अपनाया..
पंचायतों में आरक्षण के लिए जो फार्मूला तय किया गया है उसके अनुसार राज्य में संंबंधित जाति की संख्या को कुल जनसंख्या से भाग देते हुए कुल अध्यक्ष पदों की संख्या से गुणा किया गया है।
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