फूलों की घाटी में खत्म हुआ पर्यटन सीजन, इस बार घटे पर्यटक और आय दोनों..
उत्तराखंड: चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को आज यानी 31 अक्टूबर (शुक्रवार) से पर्यटकों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। हर वर्ष की तरह इस बार भी घाटी को शीतकाल शुरू होने से पहले बंद किया गया है। हालांकि इस वर्ष यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। वन विभाग के अनुसार इस सीजन में कुल 15,934 देशी-विदेशी पर्यटक फूलों की घाटी पहुंचे, जिससे विभाग को लगभग ₹33,28,050 की आय हुई। वहीं पिछले वर्ष 19,401 पर्यटक घाटी पहुंचे थे और विभाग को ₹39,40,850 की आय प्राप्त हुई थी। प्राकृतिक सुंदरता दुर्लभ प्रजातियों के फूलों और अद्भुत जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध यह घाटी हाल ही में बर्फ की चादर से ढकी रही, जिससे पर्यटक यहां न सिर्फ फूलों बल्कि बर्फबारी के मनमोहक नज़ारों का भी आनंद लेने पहुंचे थे। अब घाटी को अगले वर्ष जून माह में दोबारा पर्यटकों के लिए खोला जाएगा, जब यहां फिर से रंग-बिरंगे फूलों की बहार लौटेगी।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में अब फूलों की बहार कम हो चुकी है, लेकिन इस बार समय से पहले हुई बर्फबारी ने घाटी की सुंदरता को एक नया रूप दे दिया है। चारों ओर जमी बर्फ की चादर से पूरी घाटी सफेद नजारों में तब्दील हो गई है। घाटी के प्राकृतिक स्लोप और आसपास की पहाड़ियां इस बर्फबारी के बाद मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रही हैं। स्थानीय टूर ऑपरेटर संजय सती के अनुसार इस वर्ष घाटी में सामान्य से पहले बर्फबारी होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक फूलों के बजाय बर्फ देखने और उसका आनंद लेने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि मौसम ने अचानक करवट ली और घाटी बर्फ से ढक गई, जिससे यहां का नजारा बेहद आकर्षक हो गया। वहीं फूलों की घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने कहा कि बर्फबारी के बाद भी प्रतिदिन आठ से दस पर्यटक घाटी का दीदार करने पहुंच रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यटक बर्फ से ढकी घाटी के मनोहर दृश्यों से काफी प्रभावित नजर आए। अब शीतकाल के आगमन के साथ ही घाटी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। अगले वर्ष जून में जब फिर से रंग-बिरंगे फूल खिलेंगे, तब यह घाटी एक बार फिर सैलानियों के स्वागत के लिए तैयार होगी।

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