
लखपति दीदी योजना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार देगी ब्याज मुक्त ऋण..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। प्रदेश में 20 लाख रुपये तक का बिना ब्याज ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि यह ऋण विशेष रूप से फूलों की खेती, बागवानी और छोटे उद्योगों में काम कर रही महिला समूहों को दिया जाएगा। इसका उद्देश्य महिला समूहों की आय को दोगुना करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि महिलाओं को व्यवसाय और रोजगार के माध्यम से स्थिर आर्थिक स्थिति मिले और वे अपने परिवार और समाज में सक्रिय भूमिका निभा सकें। इस पहल से प्रदेश की महिलाओं को बड़े पैमाने पर स्वावलंबन और वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए लखपति दीदी योजना की शुरुआत की है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं की वार्षिक आय को एक लाख रुपये तक बढ़ाने और उन्हें स्थायी आजीविका स्थापित करने में मदद करती है। योजना के तहत महिलाएं कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता और उद्यमिता के माध्यम से अपने व्यवसायिक विचारों को हकीकत में बदल सकेंगी। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत हैं कि इसी तर्ज पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को 10 से 20 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस पहल से न केवल महिलाओं में बचत और समूह निर्माण की संस्कृति विकसित होगी, बल्कि वे साहूकारों के शोषण से बचकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी। मंत्री ने कहा कि योजना का उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबन और समाज में प्रेरक भूमिका दिलाना है।
अपर निबंधक सहकारिता डॉ. आनंद शुक्ला के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में महिलाओं को एक से पांच लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। इसमें व्यक्तिगत महिला लाभार्थियों को एक से तीन लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन और अन्य स्वरोजगार क्षेत्रों में अब तक 10 हजार महिलाओं को ऋण दिया जा चुका है। इसके अलावा, छह हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण मिला है। डॉ. शुक्ला का कहना हैं कि अब योजना को और सुदृढ़ करते हुए बेहतर प्रदर्शन करने वाले और समय पर ऋण चुकाने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को 10 से 20 लाख रुपये तक तथा व्यक्तिगत महिला लाभार्थियों को पांच से 10 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।यह पहल महिलाओं को स्वावलंबी बनाने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और साहूकारों के शोषण से बचाने में मदद करेगी।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि अब सहकारी समितियों की प्रबंधन समितियों के सदस्यों और सभापतियों के पदों पर महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य है जिसने सहकारी क्षेत्र में यह आरक्षण प्रदान किया है। प्रदेश में 50 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिन्हें सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। इसमें घसियारी योजना भी शामिल है, जिसके तहत राज्य की 60 हजार महिलाओं को 75 प्रतिशत सब्सिडी पर साइलेज उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि महिला लाभार्थियों की संख्या को बढ़ाकर एक लाख तक करने का लक्ष्य रखा गया है। यह पहल महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ सहकारी समितियों में उनकी भागीदारी बढ़ाने में मदद करेगी।
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