
विश्व मधुमेह दिवस- उत्तराखंड में 12 फीसदी आबादी को शुगर..
उत्तराखंड: प्रदेश में शुगर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड की 12 फीसदी आबादी मधुमेह से पीड़ित है। विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जिंदगी में तीन सूत्र अपनाकर शुगर को नियंत्रित करने की सलाह दी है। खानपान सही करने, बेहतर दिनचर्या और डॉक्टर की सलाह पर सही तरीके से दवा लेने को शुगर के खिलाफ बेहतर हथियार मानते हैं।
दून मेडिकल कॉलेज के मेडिसन एचओडी डा. नारायणजीत सिंह, वरिष्ठ फिजीशियन डा. केसी पंत का कहना हैं कि मधुमेह हार्ट और किडनी के मरीजों की समस्या बढ़ा रहा है। मधुमेह के रोगी का ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित न होने के कारण हृदय रोगियों व किडनी के रोगियों की जटिलताएं बढ़ रही हैं। ऐसे रोगियों में मृत्यु दर काफी अधिक होती है।
बच्चों में शुगर चिंताजनक शुगर की समस्या अब छोटे बच्चों को भी परेशान कर रही है। पांच साल से छोटे बच्चों को भी शुगर की बीमारी घेर रही है। दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. विशाल कौशिक, डा. आयशा इमरान का कहना हैं कि दो से पांच साल तक के बच्चों में भी शुगर की समस्या देखी जा रही है। उन्हें कई बार इंसुलिन तक की जरूरत पड़ रही है।
ऑटो इम्यून डिजीज इसका प्रमुख कारण है। यह समस्या क्यों बढ़ रही है। विशेषज्ञ इस पर विस्तृत शोध की वकालत करते हैं और बच्चों की भूख, उसके सुस्त रहने आदि पर नजर रखने की सलाह देते हैं।
खानपान गेहूं के साथ चने, ज्वार, जौ, जई और दालों से बने आटे का प्रयोग करें। सब्जियों में लौकी, तुरई, टिंडा, पालक, परवल, खीरा, ककड़ी और करेले का प्रयोग करें। अमरूद, जामुन, पपीते जैसे फलों का सेवन भी लाभकारी है। अंकुरित दालों और अनाज का प्रयोग भी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। प्रोसैस्ड फूड, जंक फूड और फास्ट फूड को छोड़कर ही मधुमेह को रोका जा सकता है। शुगर के मरीज चीनी, मिठाई समेत आलू, चावल न खाएं।
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