September 19, 2025

उत्तराखंड में कृषि विकास को लेकर सचिवालय में राज्य स्तरीय बैठक, कई महत्वपूर्ण निर्णय

उत्तराखंड में कृषि विकास को लेकर सचिवालय में राज्य स्तरीय बैठक, कई महत्वपूर्ण निर्णय..

 

उत्तराखंड: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में सीएम-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आगामी कृषि परियोजनाओं की समयबद्ध और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की बैठक दिसंबर माह में और राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक मार्च माह में आयोजित की जाए, ताकि अप्रैल से प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम शुरू किया जा सके। बैठक में कृषि विभाग की ओर से मालियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्किल इंडिया के एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा स्वीकृत कोर्स और सिलेबस को अपनाकर संचालित किया जाए। इससे न केवल डिप्लोमा कोर्स की गुणवत्ता और महत्व बढ़ेगा, बल्कि युवाओं को कृषि क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों और युवाओं के लिए ऐसे कार्यक्रमों को व्यावहारिक बनाया जाए, ताकि राज्य में कृषि आधारित रोजगार और आजीविका के नए रास्ते खुल सकें।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में कृषि क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जनपद अपने-अपने क्षेत्रों में स्थापित फार्म मशीनरी बैंकों का मूल्यांकन कराएं। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यह आकलन आवश्यक है कि मशीनरी बैंकों के आने के बाद कृषि उत्पादकता पर क्या प्रभाव पड़ा है और किसानों को किस स्तर पर लाभ हुआ है। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय को प्रदेश में कार्बन क्रेडिट एजेंसी के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपने की बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पास प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है और यह राज्य कार्बन क्रेडिट की दिशा में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकता है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्बन क्रेडिट से संबंधित विस्तृत रणनीति तैयार की जाए और विश्वविद्यालय इसमें अग्रणी भूमिका निभाए। उनका कहना था कि अगर इसे योजनाबद्ध तरीके से लागू किया गया तो राज्य को आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी मदद मिलेगी। बैठक के दौरान कृषि विभाग से जुड़े अन्य प्रस्तावों पर भी विस्तार से चर्चा हुई और उन्हें शीघ्र लागू करने पर जोर दिया गया।

इस दौरान उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार को प्रदेश में वॉलनट (अखरोट) की ग्राफ्टिंग पर ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश में ग्राफ्टेड वॉलनट प्लांट्स की भारी मांग है, लेकिन इसकी आपूर्ति बाहर से करनी पड़ती है। उन्होंने विश्वविद्यालय को शीघ्र इस दिशा में कार्य शुरू करने के निर्देश दिए, ताकि राज्य के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके और स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण पौध तैयार हो सके। बैठक में मुख्य सचिव ने सभी चल रही परियोजनाओं के लिए आउटकम इंडिकेटर्स निर्धारित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परियोजना की प्रगति को ट्रैक करने के लिए सभी चरणों की समयसीमा तय की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्य समय पर पूर्ण हों।मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता किसानों और बागवानों को अधिकतम लाभ पहुंचाना है, और इसके लिए विश्वविद्यालयों व संस्थानों को अनुसंधान और तकनीकी नवाचार पर विशेष ध्यान देना होगा। इस अवसर पर सचिव श्रीधरबाबू अद्दांकी, डॉ. रणवीर सिंह चौहान, डॉ. एस.एन. पाण्डेय, वीसी वीसीएसजी औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार डॉ. परविंदर कौशल, अपर सचिव आनन्द श्रीवास्तव, श्री नवनीत पाण्डेय सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।