
पंचायत चुनावों पर फैल रही अफवाहों पर निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण, कोई नया नियम नहीं जारी..
उत्तराखंड: पंचायत चुनावों को लेकर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही अफवाहों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है। आयोग ने स्पष्ट कहा है कि उम्मीदवार की पात्रता को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, वह पूरी तरह से झूठा और भ्रामक है। सोशल मीडिया पर यह गलत जानकारी प्रसारित की जा रही थी कि यदि किसी व्यक्ति का नाम शहरी और ग्रामीण दोनों वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो वह पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अपात्र माना जाएगा। इसके साथ ही यह भी प्रचारित किया जा रहा था कि आयोग ने इस संबंध में नए नियम लागू किए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन अफवाहों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई नया नियम लागू नहीं किया गया है और इस प्रकार की खबरें सिर्फ भ्रम फैलाने के उद्देश्य से फैलाई जा रही हैं। आयोग ने जनता से अपील की है कि वे सत्यापित और आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें और भ्रामक पोस्टों से बचें। आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि इस तरह की ग़लत सूचनाएं फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी सूचना की पुष्टि आयोग की आधिकारिक वेबसाइट या जिला निर्वाचन कार्यालयों से ही करें।
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के अनुसार ही कराए जाते हैं। आयोग ने साफ किया है कि उम्मीदवार की पात्रता को लेकर अब तक कोई नया निर्देश या नियम लागू नहीं किया गया है। आयोग का कहना हैं कि चुनाव में भाग लेने, नामांकन करने और निर्वाचित होने से जुड़ी सभी स्थितियां अधिनियम की संबंधित धाराओं में स्पष्ट रूप से उल्लेखित हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की अलग या नई व्यवस्था लागू नहीं की गई है, जैसा कि सोशल मीडिया पर अफवाहों के जरिए प्रचारित किया जा रहा है। हाल ही में यह गलत सूचना प्रसारित हो रही थी कि यदि किसी व्यक्ति का नाम शहरी और ग्रामीण दोनों वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो वह पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अपात्र माना जाएगा। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा था कि आयोग ने इस संबंध में नया नियम लागू किया है। निर्वाचन आयोग ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए जनता से अपील की है कि वे केवल अधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही झूठी खबरों से बचें। आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
आयोग ने की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील..
आयोग ने कहा कि पंचायत चुनाव पूरी तरह से उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 के अंतर्गत कराए जाते हैं और उम्मीदवार की पात्रता या अयोग्यता से संबंधित सभी प्रावधान कानून में स्पष्ट रूप से उल्लेखित हैं। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत तीनों ही स्तरों पर उम्मीदवारों की पात्रता का निर्धारण अधिनियम में वर्णित धाराओं के अनुसार किया जाता है। अब तक इस संबंध में कोई नया नियम या निर्देश जारी नहीं किया गया है, जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है। बता दे कि हाल ही में सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि यदि किसी व्यक्ति का नाम शहरी और ग्रामीण दोनों वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो वह पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अपात्र माना जाएगा। साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में नए नियम लागू किए हैं। निर्वाचन आयोग ने इन दावों को पूरी तरह झूठा और भ्रामक बताया है और लोगों से अपील की है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें। आयोग ने आम नागरिकों, संभावित उम्मीदवारों और मीडिया से आग्रह किया है कि यदि किसी को पात्रता या नियमों को लेकर कोई संदेह हो, तो वे सीधे जिला निर्वाचन अधिकारी या राज्य निर्वाचन आयोग से संपर्क करें।
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