सिलक्यारा टनल में 45 मीटर तक ड्रिलिंग का काम पूरा, अगले चरण की खुदाई शुरू..
उत्तराखंड: सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में बुधवार को अस्थाई मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में प्रेस ब्रीफिंग की गई। इस दौरान एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद ने कहा कि टनल के अंदर 900 एम.एम पाइप को पुश किया गया था। वर्तमान समय में टेलीस्कोपिक मेथड से 900 एम.एम पाइप के अंदर, 800 एम.एम का पाइप को भी पुश कर लिया गया है। ऑगर मशीन से पुनः ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 45 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा शेष स्थान पर ड्रिलिंग का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है।
एमडी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद का कहना हैं कि बड़कोट वाले छोर से होरिजेंटल ड्रिलिंग का कार्य शुरू हो गया था। जिसमें तीसरा ब्लास्ट कर लिया गया है। इस स्थान से लगभग 8 मीटर कार्य पूरा हो गया है। सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल का कहना हैं कि पूर्व में अंदर फंसे श्रमिकों के साथ वीडियो के माध्यम से संवाद हुआ था। अब एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की मदद से ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप तैयार कर लिया गया है। जिसमें वायर, माइक्रोफोन और स्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने कहा कि ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप तैयार होने के उपरांत अंदर फंसे श्रमिकों की सबसे पहले डॉक्टर से बात करवाई गई। इस क्रम में सभी श्रमिकों की एक-एक करके डॉक्टर से बात करवाई जा रही है। एवं उनका हाल-चाल जाना जा रहा है। उन्होंने कहा अंदर फंसे लोगों को जरूरी दवाइयां भेजी जा रही है। इसके अतिरिक्त मूलभूत सामग्री जैसे टॉवल, ब्रश, छोटे कपड़े भी भेजे जा रहे है। इसके साथ ही श्रमिकों की मेंटल हेल्थ को ध्यान रखते हुए मनोचिकित्सक से भी उनकी बात कराई जा रही है। अंदर फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन पर कहा कि यहां पर तेजी से कार्य किया जा रहा है, इस सम्बन्ध में निरंतर अधिकारियों से संपर्क में हूं।
धामी ने कहा कि NDRF एवं SDRF की सहायता से अंदर फंसे श्रमिकों के साथ ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप तैयार कर लिया गया है, इसके उपरांत एक-एक कर के सभी की चिकित्सकों से बात करवाई जा रही है। श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मनोचिकित्सक से भी उनकी बात करवाई जा रही है। श्रमिक बंधुओं की कुशलता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आपको बता दें कि 45 मीटर तक ड्रिलींग हो चुकी है और करीब 12 मीटर ड्रिलिंग बाकी है, इसके पूरा होते ही सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी।
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