September 6, 2025

राजभवन में गूंजा शिक्षक सम्मान, 16 शिक्षकों को मिला शैलेश मटियानी पुरस्कार..

राजभवन में गूंजा शिक्षक सम्मान, 16 शिक्षकों को मिला शैलेश मटियानी पुरस्कार..

 

उत्तराखंड: आज शिक्षक दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के 16 शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया गया। राजभवन में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। इस वर्ष चयनित शिक्षकों में 09 प्रारम्भिक शिक्षक, 05 माध्यमिक शिक्षक, 01 शिक्षक प्रशिक्षक और 01 संस्कृत शिक्षक शामिल हैं। राज्यपाल ने पुरस्कृत शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे शिक्षक समाज की मेहनत, तपस्या और समर्पण का प्रतीक है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान के दाता ही नहीं होते, बल्कि चरित्र, नैतिकता और जीवन मूल्यों के निर्माता भी होते हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसका लक्ष्य बच्चों को संस्कारवान, जिम्मेदार और राष्ट्रभक्त नागरिक बनाना होना चाहिए।उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे नई पीढ़ी को सकारात्मक सोच, नवाचार और अनुशासन की ओर प्रेरित करें। राज्यपाल ने यह भी कहा कि आज के बदलते दौर में शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों का सर्वांगीण विकास ही राष्ट्र निर्माण की सबसे मजबूत नींव है। बता दे कि शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार उत्तराखंड सरकार द्वारा हर वर्ष शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को दिया जाता है। इस सम्मान का उद्देश्य शिक्षकों को प्रेरित करना और समाज में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करना है।

राज्यपाल ने कहा कि माता-पिता के बाद गुरु ही बच्चों के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं और उनका दायित्व है कि वे बच्चों का भविष्य सही दिशा में ले जाएं। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्ष 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने में शिक्षकों का योगदान निर्णायक रहेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमेशा से शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र रहा है। यहाँ की शिक्षा परंपरा देश और समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है, इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस परंपरा को और मजबूत बनाएं। राज्यपाल ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे नई पीढ़ी में संस्कार, जिम्मेदारी और राष्ट्रभक्ति की भावना विकसित करें। बता दे कि शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रतिवर्ष शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को दिया जाता है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को सम्मानित कर समाज में शिक्षा के महत्व को और अधिक मजबूत बनाना है।

शैलेश मटियानी पहाड़ के दर्द और संवेदनाओं को गहराई से समझने वाले कथाकार..

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान का संचारक ही नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य और व्यक्तित्व को संवारने वाले मार्गदर्शक होते हैं। अपने अनुभव ज्ञान और परिश्रम से शिक्षक समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। सीएम ने इस अवसर पर शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल एक शिक्षक के प्रयासों की पहचान नहीं है, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था और समाज की प्रगति का प्रतीक है। सीएम धामी ने प्रख्यात कथाकार शैलेश मटियानी को याद करते हुए कहा कि वे पहाड़ के दर्द और संवेदनाओं को गहराई से समझने वाले लेखक थे।

उन्होंने कथा-साहित्य के साथ-साथ गद्य और सामयिक चिंतन में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी। अपनी कहानियों और उपन्यासों के माध्यम से उन्होंने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों और ग्रामीण जीवन के संघर्षों को शब्दों में पिरोकर सामने रखा। शैलेश मटियानी का जीवन और उनकी साहित्यिक विरासत समाज को प्रेरणा देती है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे भी इसी तरह अपने विद्यार्थियों को मेहनत, संघर्ष और मूल्य आधारित जीवन की दिशा में प्रेरित करें। कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि नए भारत के निर्माण में शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, और उत्तराखंड सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को और मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

प्रारंभिक शिक्षा में पौड़ी जिले से डॉ. यतेंद्र प्रसाद गॉड, चमोली से रंभा शाह, उत्तरकाशी से मुरारी लाल राणा, हरिद्वार से ठाट सिंह, टिहरी गढ़वाल से रजनी मंगाई, रुद्रप्रयाग से मिली बागड़ी, चंपावत से नरेश चंद्र, पिथौरागढ़ से दीवान सिंह कठायत, अल्मोड़ा से डॉ. विनीता खाती को सम्मानित किया जाएगा। जबकि माध्यमिक शिक्षा में पौड़ी गढ़वाल से पुष्कर सिंह नेगी, उत्तरकाशी से गीतांजलि जोशी, देहरादून से डॉ. सुनीता भट्ट, चंपावत से प्रकाश चंद्र उपाध्याय और अल्मोड़ा से दीपक चंद्र बिष्ट सम्मानित किया गया।