
अगस्त्यमुनि में मूसलाधार बारिश से तबाही, चार आवासीय मकान जमींदोज..
उत्तराखंड: शुक्रवार मध्य रात्रि से शनिवार तड़के तक हुई मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने रुद्रप्रयाग जिले के कई गांवों में भारी तबाही मचाई है। चमेली, रूमसी, तालीबगर, गिंवाला और सिलकोट जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन और जलभराव के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश और अतिवृष्टि के चलते चार आवासीय मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए, जबकि अन्य कई मकानों को गंभीर खतरा बना हुआ है। गिंवाला गांव में एक गौशाला भी क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे पशुधन को भी खतरा उत्पन्न हुआ है। आपदा की सूचना मिलते ही राजस्व विभाग और नगर पंचायत की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का स्थलीय निरीक्षण किया और प्रभावितों की सूची तैयार की। क्षेत्रीय प्रशासन द्वारा राहत कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ऐश्वर्य रावत ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है और प्रभावित परिवारों को जल्द मुआवजा एवं राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। रूमसी गांव में बादल फटने से ग्रामीणों की सैकड़ों नाली कृषि भूमि को क्षति पहुंची है। इससे आगामी फसल चक्र पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
वही मूसलाधार बारिश ने नगर पंचायत अगस्त्यमुनि और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। चमेली, गिंवाला, सौड़ी और सिलकोट क्षेत्रों में मकान, गौशाला, पेयजल योजना, सिंचाई नहर और पैदल मार्ग को गंभीर क्षति पहुंची है। कई घरों में मलबा घुस गया, जिससे लोग पूरी रात सुरक्षा के लिए जागते रहे। नगर पंचायत की सभासद सोनिया सजवाण ने कहा कि ग्राम पंचायत चमेली के बगरधार में दिनेश सिंह, महेंद्र सिंह, यशवीर सिंह और दलीप सिंह के आवासीय मकान पूरी तरह से धराशायी हो गए हैं। इस घटना से स्थानीय निवासियों में भय और चिंता का माहौल बना हुआ है। भारी बारिश के चलते पेयजल योजनाएं और सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे ग्रामीणों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई पैदल मार्ग और संपर्क सड़कें बाधित हो गई हैं, जिससे आवागमन में कठिनाई हो रही है। प्रभावित क्षेत्रों का राजस्व विभाग और नगर पंचायत की टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया है। क्षतिग्रस्त मकानों और सार्वजनिक संपत्तियों का आंकलन कर राहत व पुनर्वास कार्यों की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रभावित परिवारों ने पंचायत भवन में शरण ले रखी है। गनीमत रही कि तेज बारिश में मलबा आते ही प्रभावित पहले ही सुरक्षित बाहर आ गए थे। गांव के दीपक सिंह, अवतार सिंह, जगदीश सिंह सजवाण सहित दस आवासीय मकान खतरे की जद में आ गए हैं। इधर, बेडूबगड़ में भी भारी मलबा आने से दो वाहन मलबे में दब गए थे, जिन्हें बाद में एनएच की मदद से निकाया गया।
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