
उत्तरकाशी आपदा- राहत कार्य जारी, 65 लोगों का हुआ सफल रेस्क्यू..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र में स्थित धराली गांव में लगातार बारिश और भूस्खलन के खतरे के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार कार्य में जुटी हुई हैं। अब तक 65 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर मातली पहुंचाया जा चुका है। उत्तराखंड सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सुबह से ही भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीमें हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। सुबह 9:30 बजे तक 44 लोगों को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित निकालकर मातली पहुंचाया गया, जहां से उन्हें उनके गंतव्य की ओर रवाना किया गया। धराली के अलावा, भटवाड़ी से आगे के क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका के चलते करीब एक दर्जन मकानों को एहतियातन खाली कराया गया है। प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है और लगातार हालात की निगरानी की जा रही है। जिला प्रशासन, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से राहत एवं बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, दवाई और अन्य राहत सामग्री पहुंचाने का भी कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
वही सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि 274 लोगों को गंगोत्री एवं अन्य क्षेत्रों से हर्षिल लाया गया है। सभी सुरक्षित हैं। इनमें गुजरात के 131, महाराष्ट के 123, मध्य प्रदेश के 21, यूपी के 12, राजस्थान के छह, दिल्ली के सात, आसाम के पांच, कर्नाटक के पांच, तेलंगाना के तीन और पंजाब के एक व्यक्ति हैं। सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इन्हें उत्तरकाशी-देहरादून लाया जा रहा है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तरकाशी जनपद के मातली हेलीपैड का दौरा किया और वहां धराली से रेस्क्यू किए गए लोगों से सीधे संवाद किया। सीएम ने सभी की कुशलक्षेम पूछी और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। इस दौरान सीएम धामी ने प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों से भी बातचीत की और रेस्क्यू ऑपरेशन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धराली और आसपास के इलाकों में फंसे सभी लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जाए और किसी भी तरह की लापरवाही न हो। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है। हमारा पहला लक्ष्य हर नागरिक की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सभी बचावकर्मी पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं और मैं स्वयं हर गतिविधि की निगरानी कर रहा हूं। सीएम ने बचाव कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अमला विपरीत परिस्थितियों में भी सराहनीय कार्य कर रहा है।
वाडिया संस्थान की टीम करेगी अध्ययन..
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के खीर गंगा क्षेत्र में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा को लेकर अब वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान भी वैज्ञानिक अध्ययन करेगा। संस्थान के निदेशक डॉ. विनीत गहलोत ने जानकारी दी कि आपदा की भूवैज्ञानिक और तकनीकी वजहों को जानने के लिए एक विशेष अध्ययन शुरू किया जाएगा। डॉ. गहलोत का कहना हैं कि इस विषय पर संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ चर्चा हो चुकी है और एक विशेषज्ञ टीम को मौके पर भेजने की योजना बनाई गई है। हालांकि टीम को तब ही भेजा जाएगा जब मार्ग सुगम हो जाए और क्षेत्र की स्थिति सामान्य हो। वाडिया संस्थान इस अध्ययन के माध्यम से यह समझने की कोशिश करेगा कि धराली और खीर गंगा क्षेत्र में भूस्खलन और आपदा के पीछे भू-आकृतिक, जलवायु या संरचनात्मक कारण क्या हैं। इसके लिए संस्थान टेक्नोलॉजिकल टूल्स, जैसे सैटेलाइट डेटा, जीआईएस मैपिंग और फील्ड सर्वे का सहारा लेगा। संस्थान द्वारा किया जाने वाला यह अध्ययन भविष्य में उत्तरकाशी और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की रणनीतियों को तैयार करने में सहायक होगा। इससे स्थानीय प्रशासन को जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने और पूर्व चेतावनी प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद मिल सकेगी।
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