कर्मकार बोर्ड में मनरेगा श्रमिकों का पंजीकरण शुरू, बढ़ेगी सुरक्षा और सुविधाएँ..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने मनरेगा श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में मनरेगा कर्मकारों के पंजीकरण की औपचारिक शुरुआत कर दी। इसके साथ ही अब साल में 90 दिन कार्य करने वाले मनरेगा श्रमिक भी बोर्ड की सभी कल्याणकारी योजनाओं के पात्र बन जाएंगे। सीएम धामी ने कहा कि सरकार “समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण” की सोच के साथ योजनाएं बना रही है और मनरेगा श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि पंजीकरण के बाद मनरेगा कर्मकारों को स्वास्थ्य सहायता, शिक्षा अनुदान, दुर्घटना बीमा, मातृत्व लाभ, पेंशन सहित बोर्ड की सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार निरंतर यह सुनिश्चित कर रही है कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि मनरेगा श्रमिक राज्य की विकास यात्रा का अभिन्न हिस्सा हैं और सरकार उनके जीवन में स्थायी बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों मनरेगा श्रमिकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
सीएम धामी ने जानकारी दी कि मनरेगा के तहत राज्य में 16.3 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें से 9.5 लाख श्रमिक सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से वे श्रमिक, जो साल में न्यूनतम 90 दिन काम करते हैं, अब कर्मकार बोर्ड की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। वर्तमान में बोर्ड में 5.35 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। नए नियम लागू होने के बाद लाखों मनरेगा श्रमिक स्वास्थ्य सहायता, शिक्षा अनुदान, दुर्घटना बीमा, मातृत्व लाभ, पेंशन सहित सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के पात्र बन जाएंगे। सीएम धामी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य दोहरी दिशा में काम करना है एक ओर श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना, दूसरी ओर उद्योगों और निवेशकों को अनुकूल माहौल प्रदान करना। उन्होंने कहा कि श्रमिक राज्य की आर्थिक और विकास यात्रा के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, इसलिए सरकार उनके सामाजिक सुरक्षा कवच को और मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस निर्णय से राज्यभर के मनरेगा श्रमिकों में खुशी की लहर है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में इससे बड़ी संख्या में मजदूर सामाजिक सुरक्षा से जुड़ सकेंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर विशेष जोर देते हैं और इसी दिशा में राज्य सरकार उद्योगों और निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, ताकि प्रदेश में विकास और रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो। कहा कि सरकार श्रमिकों और उद्योगों दोनों के हितों को साथ लेकर आगे बढ़ रही है। इस बीच कल्याणकारी योजनाओं का दायरा मनरेगा श्रमिकों तक बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है, ताकि राज्य के अंतिम व्यक्ति तक सामाजिक सुरक्षा पहुंच सके। सचिव श्रीधर बाबू अदांकी ने कहा कि श्रम विभाग और ग्राम्य विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से यह योजना लागू की जा रही है। मनरेगा श्रमिकों का पंजीकरण विकासखंड स्तर पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और सरल बनेगी। श्रमायुक्त पीसी दुम्का ने जानकारी दी कि अब मनरेगा कर्मकार भी बोर्ड में पंजीकृत अन्य श्रमिकों की तरह स्वास्थ्य सहायता, दो बच्चों की शिक्षा के लिए अनुदान, दो बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता, और श्रमिक की मृत्यु पर सहायता सहित सभी योजनाओं के लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इससे लाखों श्रमिकों को प्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा और सहयोग मिलेगा। कार्यक्रम में आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सरकार का दावा है कि इस फैसले से राज्य के श्रमिक वर्ग को न सिर्फ सुरक्षा मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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