
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य, सुरक्षा व्यवस्था सख्त..
देश-विदेश: इस वर्ष अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ तीन जुलाई से होने जा रहा है, जो 38 दिनों तक चलेगी। देशभर से हजारों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर के पर्वतीय मार्गों से होकर पवित्र गुफा तक की कठिन लेकिन श्रद्धा से भरी यात्रा करेंगे। इस बार यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह के साथ-साथ चिंता भी देखी जा रही है। हाल ही में पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद कई लोगों के मन में सुरक्षा को लेकर आशंका बनी हुई है। हालांकि, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने श्रद्धालुओं की सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। यात्रा मार्गों पर सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की तैनाती को और अधिक मजबूत किया गया है। इसके साथ ही ड्रोन निगरानी, ट्रैफिक कंट्रोल, स्वास्थ्य शिविर और रजिस्ट्रेशन चेकप्वाइंट्स को भी बेहतर बनाया गया है।
यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रूटों से संचालित की जाएगी, जहां श्रद्धालुओं को चिकित्सीय सुविधा, रुकने और खाने-पीने की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की गई हैं। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल पंजीकरण के बाद ही यात्रा पर आएं और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करें। जहां बालटाल रूट करीब 14 किलोमीटर लंबा है। तो वहीं गुफा तक पहुंचने में करीब एक दिन का समय लग जाता है। तो वहीं दूसरा रूट 32 किलोमीटर का है। यहां से तीन-चार दिन यात्रा में लग जाते है। बालटाल में दोनेल गेट से यात्रा शुरू होती है। तो वहीं पहलगाम में चंदनवाड़ी से। इधर यात्रियों की RFID चेकिंग की जाती है। यानी की इस यात्रा के लिए आपके पास RFID कार्ड होना जरूरी है। इसकी फीस 250 रुपए है।प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे केवल सरकारी पोर्टल से पंजीकरण करवा कर, RFID कार्ड प्राप्त कर, और यात्रा दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यात्रा पर आएं। यह यात्रा आस्था, श्रद्धा और संयम का प्रतीक है, और सरकार प्रयास कर रही है कि हर श्रद्धालु सुरक्षित और संतोषजनक अनुभव के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन कर सके।
आपको बता दे कि अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस पवित्र यात्रा में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ अपना पंजीकरण फॉर्म जमा करना आवश्यक है। यह सर्टिफिकेट किसी मान्यता प्राप्त चिकित्सक या अस्पताल से जारी होना चाहिए। श्रद्धालु अपने नजदीकी अधिकृत बैंक शाखाओं पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर भी ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध हैं। इस वर्ष अप्रैल में पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। CRPF, ITBP और जम्मू-कश्मीर पुलिस को यात्रा मार्गों पर बड़ी संख्या में तैनात किया गया है। ड्रोन कैमरों के माध्यम से गुफा मार्गों पर 24×7 निगरानी की जाएगी। साथ ही RFID ट्रैकिंग सिस्टम को इस बार अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे हर यात्री की रियल टाइम लोकेशन प्रशासन के पास उपलब्ध रहेगी। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान जारी सभी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और केवल पंजीकृत और medically fit यात्रियों को ही यात्रा पर जाने दिया जाएगा।
प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पहलगाम हमले से पहले लगभग 2.38 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन सुरक्षा कारणों से फिलहाल केवल 85 हजार यात्रियों को यात्रा की अनुमति दी गई है। शेष यात्रियों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है या यात्रा की नई तारीखों के लिए पुनः समायोजित किया जा रहा है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है, और यात्रा पर किसी भी तरह का खतरा नहीं उठाया जाएगा। श्राइन बोर्ड और प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे अधिकारिक मार्गों से पंजीकरण कराएं, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, और यात्रा को लेकर सोशल मीडिया या अफवाहों पर भरोसा न करें।
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