
उत्तराखंड में बरसात बनी आफत, अब तक 79 लोगों मौत, नुकसान 5 हजार करोड़ पार..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में इस बार मानसून ने भयंकर तबाही मचाई है। कहीं भूस्खलन तो कहीं बादल फटने की घटनाओं ने कई गांवों को प्रभावित किया है। कई परिवार अपनों को खो चुके हैं, जबकि अनेक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। लगातार हो रही बारिश शासन-प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनती जा रही है। पहाड़ों पर लगातार भूस्खलन की वजह से सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई मार्ग बाधित हो गए हैं जिससे यातायात ठप पड़ा है और दूर-दराज के गांवों का संपर्क कट गया है। बारिश की इस आफत ने न केवल सड़क और पुलों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि मासूम जिंदगियां भी निगल ली हैं। पहाड़ी इलाकों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। राज्य सरकार ने संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा है। प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और जरूरतमंद परिवारों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया जा रहा है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में हर साल मानसून के दौरान भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाएं होती हैं, लेकिन इस बार बारिश ने खास तौर पर तबाही का नया रिकॉर्ड बनाया है। आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने में बीते 10 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है। इस अगस्त में प्रदेश में 574 मिमी बारिश दर्ज की गई है। लगातार हो रही भारी बारिश और आपदाओं ने पूरे राज्य में तबाही मचाई है। 1 अप्रैल से 3 सितंबर तक आपदाओं में 79 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 115 लोग घायल हुए हैं। इसके साथ ही अब तक 90 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। बारिश और आपदाओं से सबसे ज्यादा नुकसान आवासीय ढांचों को हुआ है। प्रदेश में अब तक 1828 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त, 229 मकान पूरी तरह ध्वस्त और 71 मकान आधे से ज्यादा क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। हजारों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है और कई लोग अस्थायी आश्रयों में रह रहे हैं। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लगातार राहत सामग्री भेजी जा रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हालात पर नजर रखने और प्रभावितों की हर संभव मदद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लगातार हो रही बारिश और आपदाओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे सतर्क और सुरक्षित रहें। संवेदनशील इलाकों में अनावश्यक आवाजाही न करें और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें। वही सीएम धामी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और ग्राउंड जीरो पर रहकर तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भारी बारिश से अब तक राज्य में कई सड़कें, पुल और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। पहाड़ी जिलों में भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने हालात और गंभीर बना दिए हैं।
मानसून की इस आफत से न सिर्फ लोगों को जान-माल का नुकसान हुआ है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा है। आपदा सचिव के अनुसार अब तक 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान आंका जा चुका है। उनका कहना हैं कि जल्द ही केंद्र सरकार की एक विशेष टीम उत्तराखंड का दौरा करेगी। यह टीम राज्य में बारिश से हुए कुल नुकसान का विस्तृत आकलन कर अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी। लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने इस सीजन में कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालात यह हैं कि तमाम कोशिशों और बचाव कार्यों के बावजूद राज्य सरकार को सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिल रही। भारी बारिश से अब तक सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, सड़क और पुल टूट गए हैं और कई इलाकों का संपर्क पूरी तरह कट चुका है। आपदा प्रबंधन विभाग लगातार अलर्ट जारी कर रहा है और लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है। राज्य सरकार का कहना है कि आपदा प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी और नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से भी सहयोग लिया जाएगा।
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