ऋषिकेश में 100 करोड़ की लागत से बनेगा राफ्टिंग बेस स्टेशन..
23 राज्यों के लिए केंद्र सरकार ने जारी किए 3295 करोड़..
उत्तराखंड: केंद्र सरकार ने पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता नामक योजना के अंतर्गत देश के 23 राज्यों के 40 विभिन्न पर्यटक स्थलों के विकास के लिए ₹3295 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। योग और पर्यटन नगरी ऋषिकेश को भी इस योजना का लाभ मिला है। इस योजना के अंतर्गत आइकोनिक सिटी ऋषिकेश में आधुनिक राफ़्टिंग बेस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि 100 करोड़ की लागत से राफ्टिंग बेस स्टेशन तैयार किए जाने से, राफ्टिंग गतिविधियों के लिए आधारभूत सुविधाएं विकसित हो सकेंगी। इससे ऋषिकेश में राफ्टिंग गतिविधियां तेज होंगी, जिसका लाभ आस पास के क्षेत्र में पयर्टन गतिविधियां बढ़ने के रूप में मिलेगा। इस परियोजना के तहत राफ्टिंग केंद्रों पर शौचालय, कपड़े बदलने की सुविधा के साथ ही खानपान की सुविधा भी विकसित की जाएंगी। साथ ही तपोवन क्षेत्र में भीड़-भाड़ कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का भी निर्माण किया जाना है। अब मोदी जी ने ऋषिकेश के लिए 100 करोड़ रुपए की विकास परियोजना को मंजूरी प्रदान कर, उत्तराखंड के लोगों को एक और उपहार दिया है। इसके लिए उत्तराखंडवासी उनके हमेशा आभारी रहेंगे।
राफ़्टिंग बेस स्टेशन परियोजना का क्या है उद्देश्य?
राफ़्टिंग बेस स्टेशन परियोजना का उद्देश्य ऋषिकेश के राफ़्टिंग पर्यटन में बुनियाद ढांचे की चुनौतियों से निपटना और कमियों को दूर करना है। इस परियोजना का उद्देश्य अंतर राज्य बस टर्मिनल पर राफ़्टिंग संचालन को केंद्रित करना और साथ ही अधिक धन ख़र्च करने की क्षमता वाले पर्यटकों को आकर्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मानकीकृत बुकिंग प्रणाली और उन्नत सुविधाएँ प्रदान करना है। इस परियोजना द्वारा पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए शौचालय, कपड़े बदलने के लिए उचित व्यवस्था और सड़क किनारे खानपान की छोटी दुकानों जैसी आवश्यक सुविधाओं से परिपूर्ण केंद्रीकृत राफ्टिंग बेस स्टेशन का विकास शामिल है। इसमें तपोवन क्षेत्र में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण और सुरक्षा तथा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए आईटीसी आधारित निगरानी प्रणाली को लागू करना भी शामिल है।
1500 लोगों को मिलेगा रोजगार..
इसके साथ ही पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देने और क्षेत्र के ईको सिस्टम को बनाए रखने के लिए एक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली भी स्थापित की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से लगभग 1500 लोगों को नौकरियां मिलने का भी अनुमान है। योजना के लिए ज़मीन राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी और इसे लागू भी राज्य सरकार ही करेगी।केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इसकी निगरानी करेगा। योजना के लिए 66% राशि राज्यों को जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार ने राज्यों से इस योजना के अंतर्गत विकसित हो रहे पर्यटन स्थलों के विकास के कार्यों को पूरा करने के लिए दो वर्षों की समय सीमा तय की।
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