
उत्तराखंड में चल रहे फर्जी नशा मुक्ति केंद्रों पर शिकंजा कसने की तैयारी, बिना पंजीकरण के सभी संस्थान होंगे बंद..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में गैर-पंजीकृत और मानकों से नीचे चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। सरकार ने तय किया है कि ऐसे सभी केंद्रों की औचक जांच कर उन्हें या तो मानकों के अनुरूप सुधारा जाएगा या बंद किया जाएगा। सोमवार को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों और एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में यह तय हुआ कि पूरे प्रदेश में चल रहे सभी नशा मुक्ति केंद्रों की जांच और निगरानी अभियान चलाया जाएगा। बैठक में अवैध रूप से संचालित हो रहे केंद्रों की पहचान, जांच और विधिसम्मत कार्रवाई की रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देशित किया कि राज्य में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। सरकार का मानना है कि इन केंद्रों की अनियमितता से मरीजों की सुरक्षा, पुनर्वास और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बना हुआ है। ऐसे में अब प्रदेश में केवल मानक अनुरूप और पंजीकृत केंद्रों को ही संचालन की अनुमति मिलेगी।
उत्तराखंड में अब बिना वैध पंजीकरण चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ एसटीएफ और राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की संयुक्त टीमें बड़ा अभियान चलाएंगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद इस दिशा में तेज़ी से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि ऐसे सभी अवैध केंद्रों की पहचान, निरीक्षण और बंद करने की प्रक्रिया अब मिशन मोड में चलेगी। एसटीएफ की टीमें जिला स्तरीय निरीक्षण दलों के साथ मिलकर कार्य करेंगी ताकि राज्यभर में चल रहे सभी केंद्रों की स्थिति का मूल्यांकन हो सके। इन केंद्रों के खिलाफ आर्थिक दंड, कानूनी कार्रवाई और तत्काल बंदी सुनिश्चित की जाएगी। यह पूरा अभियान मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के तहत संचालित किया जाएगा, जिससे किसी भी तरह की लापरवाही पर सीधे जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जा सके। सरकार का साफ संदेश है कि राज्य में केवल वही नशा मुक्ति केंद्र चलेंगे जो पूरी तरह से पंजीकृत हैं और सभी मानकों का पालन करते हैं।
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