
पीएम मोदी करेंगे साधना स्वायत्त को ‘आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार’ से सम्मानित..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है। जिले के मुख्यालय पौड़ी स्थित साधना स्वायत्त सहकारिता को प्रतिष्ठित ‘आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार 2024’ से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदान किया जाएगा। साधना स्वायत्त सहकारिता ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, स्थानीय संसाधनों के उपयोग और सामूहिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए सशक्त सहकारी मॉडल प्रस्तुत किया है। संगठन की उपलब्धियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने का निर्णय लिया है। पुरस्कार की घोषणा के साथ ही स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों में उत्साह का माहौल है। इस सम्मान को पर्वतीय क्षेत्र में सहकारिता के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक बदलाव की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण माना जा रहा है। संगठन ने यह साबित किया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति, सही मार्गदर्शन और सामूहिक सहयोग से किसी भी क्षेत्र में विकास और परिवर्तन संभव है।
उत्तराखंड के पौड़ी ब्लॉक क्षेत्र में संचालित साधना स्वायत्त सहकारिता और उसके अंतर्गत चल रहा ‘दीदी कैफे’ इन दिनों आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गया है। ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित यह कैफे न केवल स्थानीय रोजगार का मजबूत जरिया बना है, बल्कि पारंपरिक पहाड़ी व्यंजनों को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। कैफे में कार्यरत महिला समूह की सदस्याएं स्थानीय लोगों और पर्यटकों को झंगोरा खीर, मंडुवे की रोटी, गहत की दाल, भांग की चटनी जैसे पारंपरिक व्यंजन परोसती हैं। स्वाद और आतिथ्य का यह अनोखा संगम उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए हुए है। साधना स्वायत्त सहकारिता के मार्गदर्शन में शुरू हुए इस प्रयास से न केवल दर्जनों महिलाओं को स्वरोजगार मिला है, बल्कि उन्होंने आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक आत्मविश्वास भी हासिल किया है। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने भी इस पहल को सराहा है और इसे ग्रामीण विकास का आदर्श मॉडल बताया है। यह उदाहरण स्पष्ट करता है कि संगठित प्रयास और सही दिशा मिलने पर ग्रामीण महिलाएं भी बदलाव की अगुवा बन सकती हैं।
आजीविका संवर्द्धन के नई दिशा प्रदान की..
साधना सहकारिता द्वारा एनआरएलएम, हिमोथान सोसाइटी और टाटा ट्रस्ट्स के सहयोग से वर्ष 2021 में ‘दीदी कैफे’ की स्थापना की गई। पारंपरिक पहाड़ी व्यंजन परोसने वाला यह कैफे न केवल स्थानीय स्वाद का प्रतीक बन चुका है, बल्कि महिला आत्मनिर्भरता का भी सशक्त उदाहरण है। कैफे यूनिट से साल 2023 से अब तक 9 लाख रुपये की आय अर्जित की जा चुकी है, जिसमें 3.20 लाख रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ है। यह आय पूरी तरह महिला समूहों को रोजगार और सशक्तिकरण में सहायक सिद्ध हो रही है। इसके साथ ही सहकारिता की महिलाएं डेयरी यूनिट का भी संचालन कर रही हैं। फेडरेशन से जुड़ी 206 महिलाएं प्रतिदिन दूध संग्रहण कर स्थानीय स्तर पर दूध की प्रोसेसिंग और विपणन का कार्य कर रही हैं, जिससे उनके लिए स्थायी आय का स्रोत तैयार हुआ है। साधना स्वायत्त सहकारिता की अध्यक्ष मंजू देवी ने बताया कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चयनित होना पूरे संगठन के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि “टीम ने पूरी लगन और मेहनत से कार्य किया है। विभागीय मार्गदर्शन और सहयोग के लिए हम सभी आभारी हैं।
More Stories
284 अभ्यर्थियों को मिली नियुक्ति, UKPSC की नई भर्ती परीक्षाएं अगस्त-सितंबर में..
203 करोड़ की योजना अधर में, प्रयुक्त जल प्रबंधन बना विभागीय लापरवाही का शिकार..
उत्तराखंड में नकली और घटिया दवाओं के खिलाफ चलेगा “ऑपरेशन क्लीन”..