सड़कों से जुड़ेंगे 100 से अधिक जनसंख्या वाले जनजातीय क्षेत्र..
पीएम जनमन योजना के तहत मिलेगा फायदा..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत राज्य के 100 से अधिक आबादी वाले जनजातीय क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ा जाएगा। 15 नवंबर को देशभर में शुरू हुई इस योजना के तह उत्तराखंड को फिलहाल चार सड़कें और आठ पुल मिले हैं। सड़कों व पुलों का डीपीआर तैयार कराने की प्रक्रिया शुरू हो गयी हैं। उत्तराखंड में भोटिया, थारू, जौनसारी, बोक्सा और राजी पांच जनजातियाँ निवास करती है। 1967 में उन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में नामित किया गया था। राजी और बोक्सा जनजातियाँ इनमें से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) में शामिल हैं।
योजना के तहत इन दिनों जनजातियों वाले क्षेत्रोें को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए चुना गया है। उत्तराखंड में सड़कें और पुल बनाने का जिम्मा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की नोडल एजेंसी यूआरआरडीए (उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी) को सौंपा गया है। पीएम ग्राम सड़क योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि योजना के तहत उत्तराखंड में प्रथम चरण में देहरादून जिले की हसनपुर, हरिद्वार की जसपुर चमरिया, चंपावत की खिर्दवाड़ी और पिथौरागढ़ की छिपलतरा बसावटों को सड़क मार्गों से जोड़ने के लिए चुना गया है।
इन बसावटों में को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए चार सड़कें और आठ पुल बनाए जाएंगे। इसके लिए डीपीआर की तैयारी शुरू हो चुकी हैं। इसे शीघ्र ही केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कर्मेंद्र सिंह का कहना हैं कि योजना के तहत दो से 13 किलोमीटर के बीच राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा। आपको बता दें कि 15 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना पूरे देश में अनुसूचित जनजातियों का विकास किया जाएगा। ये वे जनजातियाँ हैं जिन्हें सबसे पिछड़ी माना जाता है। इसके तहत जनजातीय मामलों के मंत्रालय सहित नौ मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। संपर्क मार्ग का निर्माण भी इनमें से एक है।
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