
पौड़ी आपदा प्रभावितों को मिलेगा राहत पैकेज, सीएम धामी ने दिए तत्काल मदद के निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को घोषणा की कि पौड़ी आपदा प्रभावितों को भी धराली व थराली की तर्ज पर राहत पैकेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आपदा में जिन परिवारों के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को भी 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि सरकार हर संकट की घड़ी में प्रभावितों के साथ खड़ी है और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी।
सीएम ने स्पष्ट किया कि इसमें से जो धनराशि एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि) के मानकों के अंतर्गत आती है, उसे एसडीआरएफ मद से दिया जाएगा, जबकि शेष राशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि प्रभावितों तक जल्द से जल्द आर्थिक सहायता पहुंचाई जाए। आपको बता दें कि 6 अगस्त को पौड़ी तहसील के अंतर्गत ग्राम सैंजी, पट्टी बाली कण्डारस्यूं और ग्राम रैदुल, पट्टी पैडुलस्यूं में अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन हुआ था। इस आपदा में कई आवासीय भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गए, कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा और लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सीएम धामी ने कहा कि सरकार हर संकट की घड़ी में आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी है और राज्य सरकार हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।
सीएम धामी ने 22 अगस्त को थराली क्षेत्र में आई आपदा के कारणों की गहन जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि धराली की तरह ही थराली में भी आपदा का व्यापक वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह समझना बेहद जरूरी है कि आखिर हिमालयी क्षेत्र में लगातार इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं, और इतना मलबा कैसे व क्यों पानी के साथ बहकर नीचे आ रहा है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि सीएम के निर्देशों के क्रम में कई शीर्ष संस्थानों के विशेषज्ञ जल्द ही थराली का दौरा करेंगे। इसमें भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI), वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की, उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र, केंद्रीय जल आयोग तथा सिंचाई विभाग के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इस संबंध में अपर सचिव आनंद स्वरूप की ओर से सभी संबंधित संस्थानों को पत्र भी भेज दिया गया है। आदेश के अनुसार प्रत्येक संस्थान से एक-एक विषय विशेषज्ञ को नामित करते हुए तत्काल जिलाधिकारी चमोली को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। विशेषज्ञ दल थराली क्षेत्र में बाढ़, भूस्खलन और मलबा प्रवाह के कारणों का अध्ययन करेगा और भविष्य में इस तरह की आपदाओं की रोकथाम के लिए न्यूनीकरण के उपाय भी सुझाएगा। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार वैज्ञानिक आधार पर आपदाओं से निपटने की रणनीति बना रही है, ताकि आपदा प्रभावितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके
सरकार प्रभावितों के साथ
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे धराली, थराली, स्यानाचट्टी या पौड़ी हो, हर जगह राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित किया गया है। सीएम ने कहा कि इस दौरान प्रशासन का रिस्पांस टाइम सराहनीय रहा है और समय पर की गई कार्यवाही से बड़ी हानि को टाला जा सका। सीएम धामी ने विशेष रूप से उत्तरकाशी, चमोली और पौड़ी जिलों के जिलाधिकारियों की ओर से आपदा के दौरान किए गए त्वरित और संवेदनशील कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रशासन, पुलिस, SDRF और आपदा प्रबंधन की टीमें दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। सीएम ने कहा कि आपदा प्रभावित हमारे अपने लोग हैं और उनकी पीड़ा राज्य सरकार की पीड़ा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रभावित परिवारों के साथ न केवल राज्य सरकार, बल्कि केंद्र सरकार भी मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक संसाधन और सहायता सुनिश्चित की जाएगी, ताकि प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके। सीएम धामी ने दोहराया कि सरकार का संकल्प सिर्फ राहत कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास और सुरक्षित भविष्य की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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