छोटे वाहनों के लिए खुला रास्ता, सेना के वाहनों की आवाजाही अब भी रुकी..
उत्तराखंड : दो दिन पहले जोशीमठ-मलारी हाईवे चट्टान टूटने के कारण अवरुद्ध हो गया था। रविवार को दिनभर बीआरओ के मजदूर बोल्डरों को हटाने में लगे रहे लेकिन हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारू नहीं हो पाया था।
भारी बारिश के दौरान सलधार के पास चट्टान टूटने से बंद जोशीमठ-मलारी हाईवे को छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। लेकिन, हाईवे के हिल साइड पर अभी भी बड़े-बड़े बोल्डर अटके हुए हैं, जिससे यहां वाहनों की आवाजाही खतरनाक बनी हुई है। वहीं, सड़क पर बड़े वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है, जिससे सेना के वाहनों की आवाजाही अभी भी रुकी हुई है।
दो दिन पहले जोशीमठ-मलारी हाईवे चट्टान टूटने के कारण अवरुद्ध हो गया था। रविवार को दिनभर बीआरओ के मजदूर बोल्डरों को हटाने में लगे रहे लेकिन हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारू नहीं हो पाया था। इससे नीती घाटी के ग्रामीणों के साथ ही सीमा क्षेत्र में जा रहे सेना के वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई।
खतरा उठाकर आवाजाही कर रहे लोग..
जोशीमठ-मलारी हाईवे बेहद तंग स्थिति में पहुंच गया है। यहां कई जगहों पर भूस्खलन और भू-धंसाव हो रहा है। रैणी गांव के समीप चट्टानी भाग से रह-रहकर भूस्खलन हो रहा है। ग्रामीण बोल्डरों के ऊपर से ही जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। इधर, बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि हाईवे बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए भी जल्द ही खोल दिया जाएगा।
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