
गंगा दशहरा पर मंदाकिनी नदी में केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों ने लगाई आस्था की डुबकी..
उत्तराखंड: गंगा दशहरा के पावन अवसर पर आज केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ब्राह्मणों साधु संतो और श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी की पूजा अर्चना करके आस्था की डुबकी लगाकर मां गंगा के धरती पर अवतरण दिवस को श्रद्धा से मनाया। यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और इसे मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ब्रामणो ने पारंपरिक वैदिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना, हवन, और मंत्रोच्चार के साथ मां गंगा का आह्वान किया, और मंदाकिनी नदी में स्नान किया और देश-प्रदेश के कल्याण की कामना की।
सुबह से ही केदारनाथ धाम में वेद-मंत्रों की गूंज, घंटियों की ध्वनि और पूजा-अर्चना के साथ विशेष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए। मंदिर के पुजारियों और तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि मंदाकिनी को भी गंगा का ही स्वरूप माना जाता है और यहां स्नान करना विशेष पुण्यकारी होता है। स्थानीय प्रशासन और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से घाटों की सफाई, सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे। यह पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि नदी संरक्षण और प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना भी इस दिन को विशेष बनाती है। तीर्थ पुरोहितों ने लोगों से नदियों की स्वच्छता और जल संरक्षण के लिए भी संकल्प लेने का आग्रह किया। इस अवसर पर केदार सभा अध्यक्ष, तीर्थ पुरोहित ब्राह्मण, राज कुमार तिवारी, प्रदीप शर्मा, अंकित सेमवाल, पंकज, योगेश बगवाड़ी, अलोक, राहुल, नितिन, समस्त केदार सभा पदाधिकारी और तीर्थ पुरोहित, ब्राह्मण, संत महात्मा और श्रद्धालु उपस्थित रहें।
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