November 22, 2024

उत्तराखंड में अब सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर मरीजों को मिलेगा लाभ..

उत्तराखंड में अब सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर मरीजों को मिलेगा लाभ..

खर्च भी आएगा कम, लागू होगा एक पर्ची एक शुल्क..

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों (मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को छोड़कर) में इलाज सस्ता होने जा रहा है। इसके साथ ही एक पर्ची एक शुल्क लागू होगा। कैबिनेट ब्रीफिंग में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी का शुल्क अब 13 रुपये से घटाकर 10 रुपये, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी शुल्क (पर्चा बनाने का शुल्क) 15 से घटाकर 10 रुपये और जिला या उप जिला चिकित्सालयों में शुल्क 28 से घटाकर 20 रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार, भर्ती कराने के लिए आईपीडी शुल्क की दरें भी घटाते हुए समान कर दी गई हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आईपीडी शुल्क 17 से घटाकर 15 रुपये, सीएचसी में 57 से घटाकर 25 रुपये और जिला व उप जिला अस्पतालों में 134 से घटाकर 50 रुपये कर दिया गया है।

अस्पतालों के जनरल वार्ड में तीन दिन तक निशुल्क भर्ती के बाद पीएचसी में शुल्क 17 के बजाए 10 रुपये प्रतिदिन, सीएचसी में 17 से घटाकर 15 रुपये प्रतिदिन और जिला व उप जिला चिकित्सालयों में 57 के बजाए 25 रुपये प्रतिदिन शुल्क देय होगा। प्राइवेट वार्ड में दो बेड वालों को अब 230 के बजाए 150 रुपये प्रतिदिन और सिंगल बेड वालों को 428 के बजाए 300 रुपये शुल्क देना होगा। एसी रूम लेने पर 1429 के बजाए 1000 रुपये शुल्क देय होगा। खास बात ये भी है कि अब लोअर अस्पताल में भर्ती मरीज को हायर सेंटर रेफर होने पर वहां अलग से पर्चा नहीं बनवाना होगा। उसी पर्चे से उसका इलाज होगा।

सरकारी एंबुलेंस भी सस्ती..
सरकार ने विभागीय एंबुलेंस का किराया भी कम कर दिया है। सरकारी एंबुलेंस का पहले पांच किलोमीटर का किराया अब 315 के बजाए 200 रुपये होगा। इसके बाद प्रति किमी की दरें भी 63 से घटाकर 20 रुपये कर दी गई हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीज की मृत्यु होने उसका पार्थिव शरीर एंबुलेंस से निशुल्क उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। कैबिनेट के ये फैसले शासनादेश जारी होने के साथ ही प्रदेशभर में लागू हो जाएंगे।

मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग स्टाफ की सीधी भर्ती..
प्रदेश के पिथौरागढ़ व हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ की भर्ती आउटसोर्स के बजाए सीधी भर्ती से की जाएगी। दोनों कॉलेजों में 240-240 पदों पर आउटसोर्स से भर्ती नहीं होगी। अब चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड यहां भर्ती करेगा।