June 15, 2025

उत्तराखंड में नए वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान, आधारभूत ढांचे और कनेक्टिविटी का होगा विकास..

उत्तराखंड में नए वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान, आधारभूत ढांचे और कनेक्टिविटी का होगा विकास..

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में अब केवल तीर्थ और पर्यटन ही नहीं, बल्कि साहसिक, आध्यात्मिक और पर्यावरण अनुकूल थीम पर आधारित शादियों का भी आयोजन किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विवाह पर्यटन’ (Wedding Tourism) विजन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार ने ‘वेड इन उत्तराखंड’ नाम से एक विशेष योजना का फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। इस योजना का उद्देश्य उत्तराखंड को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाह पर्यटन का एक प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। सरकार का मानना है कि यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय होटल, होमस्टे, कैटरिंग, हस्तशिल्प, फूलों की खेती, वेंडिंग और परिवहन क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी। पारंपरिक संस्कृति और स्थानीय उत्पादों को भी वैश्विक मंच मिलेगा। पर्यटन विभाग ने कहा कि इस योजना को सफल बनाने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जाएगा। सरकार जल्द ही इस योजना को अधिकारिक रूप से लॉन्च कर सकती है। इसके तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म, मार्केटिंग कैंपेन और एकल खिड़की प्रणाली (single window system) भी विकसित की जा रही है ताकि इच्छुक दंपतियों को अनुमति, स्थान बुकिंग, और अन्य सेवाएं सरल रूप में उपलब्ध हो सकें। उत्तराखंड सरकार की यह नई पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम देने के साथ-साथ प्रदेश को भारत का विवाह पर्यटन हब बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने ‘वेड इन उत्तराखंड’ फ्रेमवर्क को अंतिम रूप दे दिया है। इस नीति के तहत उत्तराखंड को सांस्कृतिक, प्राकृतिक और आधुनिक सुविधाओं के संगम के रूप में पेश किया जाएगा, जिससे यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विवाह स्थलों की सूची में एक प्रमुख स्थान बना सके। सरकार की ओर से पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने इस योजना का आधिकारिक फ्रेमवर्क जारी किया। इस पहल का उद्देश्य राज्य को एक थीम आधारित वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना है, जिसमें साहसिक, आध्यात्मिक और पर्यावरण अनुकूल शादियों को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार का मानना है कि उत्तराखंड का सांस्कृतिक आकर्षण, प्राकृतिक सौंदर्य, और उच्च स्तरीय सुविधाएं इस क्षेत्र को विवाह पर्यटन के लिए आदर्श बनाते हैं। इस पहल से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, होटल, होमस्टे, ट्रांसपोर्ट, डेकोरेशन, खानपान और फोटोग्राफी जैसे क्षेत्रों में व्यवसाय बढ़ेगा और राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

वेड इन उत्तराखंड’ फ्रेमवर्क के तहत अब विवाह स्थलों, सेवा प्रदाताओं और टूर ऑपरेटरों के लिए स्पष्ट प्रमाणन और पैनल प्रणाली लागू की जाएगी। यह समस्त प्रक्रिया लाइसेंसिंग व्यवस्था में संशोधन के माध्यम से संचालित की जाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि विवाह पर्यटन का विकास पर्यावरणीय संतुलन के साथ किया जाए। और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा को अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा सख्त दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे। विवाह आयोजन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार एक ‘सिंगल विंडो पोर्टल’ शुरू करेगी, जिसके माध्यम से आयोजकों को लाइसेंस और अनुमतियाँ प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों की पूरी जानकारी एक मंच पर उपलब्ध होगी साथ ही सेवा प्रदाताओं की सूची और डिजिटल आवेदन प्रक्रिया को भी इसी पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के संचालन और निगरानी के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) को नोडल इकाई नियुक्त किया गया है। इसके साथ-साथ गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) और कुमाऊँ मंडल विकास निगम (KMVN) संयुक्त रूप से पर्यटन विभाग को तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग प्रदान करेंगे।

नए और छिपे डेस्टिनेशन में सुविधाएं जुटेंगी..
वेड इन उत्तराखंड’ योजना के तहत अब राज्य में नए और कम ज्ञात विवाह स्थलों की पहचान की जाएगी। इन स्थलों को विकसित कर उन्हें सुविधाजनक और आधुनिक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। कनेक्टिविटी और आधारभूत सुविधाओं का होगा विस्तार, सरकार की योजना के तहत इन नए स्थलों को बेहतर सड़क, रेल और हवाई मार्गों से जोड़ा जाएगा। साथ ही बिजली, पानी, दूरसंचार और स्वच्छता, परिवहन और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा, ताकि आयोजनों में किसी प्रकार की बाधा न आए और पर्यटकों को विश्वस्तरीय अनुभव मिल सके। योजना में ऐसे होटल, रिसॉर्ट और हाई-एंड वेन्यू विकसित करने का भी प्रावधान है जो बड़े विवाह समूहों और लक्जरी सेवाओं की मांग को पूरा कर सकें। इन स्थलों पर सांस्कृतिक, पारंपरिक और आधुनिक तत्वों का समन्वय होगा ताकि विवाह आयोजन विशेष, आकर्षक और यादगार बन सकें। सरकार निजी क्षेत्र की सहभागिता से अस्थायी आवास (जैसे टेंट सिटी, ईको हट्स) की व्यवस्था भी करेगी। इससे दूरदराज या प्राकृतिक स्थलों पर भी विवाह आयोजन को संभव बनाया जा सकेगा, साथ ही स्थानीय कारीगरों और सेवा प्रदाताओं को सीधा लाभ मिलेगा।

विवाह समारोह के लिए आदर्श स्थलों का होगा प्रचार..
वेड इन उत्तराखंड’ फ्रेमवर्क के अंतर्गत अब राज्य में चयनित और आदर्श विवाह स्थलों की पहचान कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित व प्रचारित किया जाएगा। इसका उद्देश्य उत्तराखंड को एक प्रीमियम डेस्टिनेशन वेडिंग लोकेशन के रूप में स्थापित करना है। ऋषिकेश, मसूरी, अल्मोड़ा जैसे वेडिंग स्थलों को प्रदर्शित करने वाली आकर्षक सामग्री तैयार होगी। साहसिक विवाह, आध्यात्मिक विवाह, पर्यावरण अनुकूल विवाह, पारंपरिक कुमाऊं या गढ़वाली शैली के विवाह जैसे अन्य विषयों पर केंद्रित विवाह पैकेज तैयार किए जाएंगे। इन सभी थीम पर आधारित स्थलों को शामिल करते हुए अनुभवात्मक पर्यटन क्लस्टर विकसित होंगे। विवाह स्थलों के पौराणिक महत्व को उजागर करने के साथ प्रभावशाली मार्केटिंग विशेषज्ञों की मदद से इनका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इवेंट प्लानर्स, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों व ट्रैवल एजेंटों के लिए संभावित डेस्टिनेशनल स्थलों पर परिचयात्मक भ्रमण कार्यक्रम कराए जाएंगे। राज्य सरकार का मानना है कि इन माध्यमों से उत्तराखंड को एक भावनात्मक, प्राकृतिक और विलासिता से भरपूर वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में वैश्विक मानचित्र पर प्रतिष्ठा मिलेगी। इन प्रयासों से न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय वेडिंग मार्केट में उत्तराखंड की पहचान सशक्त होगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर भी मिलेंगे।