July 21, 2025

ऋषिकेश में विकास को नई गति, यूआईआईडीबी बैठक में 25 परियोजनाओं पर मंथन..

ऋषिकेश में विकास को नई गति, यूआईआईडीबी बैठक में 25 परियोजनाओं पर मंथन

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने ऋषिकेश स्थित रिवर राफ्टिंग सेंटर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का राफ्टिंग सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि ऋषिकेश-गंगा कॉरिडोर परियोजना से संबंधित कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए और जो भी कार्य विभिन्न विभागों या एजेंसियों के स्तर पर लंबित हैं, उनकी प्रगति सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि ऋषिकेश को साहसिक पर्यटन की ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने के लिए यह ज़रूरी है कि परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाए। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

गुरुवार को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (यूआईआईडीबी) की एग्जीक्यूटिव कमेटी की अहम बैठक आयोजित हुई। बैठक में यूआईआईडीबी द्वारा संचालित ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के तहत प्रस्तावित 25 परियोजनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। ये योजनाएं रिवर राफ्टिंग डेवेलपमेंट, पीडब्लूडी गेस्ट हाउस का पुनर्निर्माण, आस्था पथ, पार्किंग निर्माण संजय झील पुनर्निर्माण, पेयजल आपूर्ति, चारधाम यात्रा प्रबंधन, कांवड़ यात्रा प्रबंधन, सड़क निर्माण, घाटों के विस्तार व सुंदरीकरण से संबंधित हैं। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि परियोजनाओं की प्रगति को तेज किया जाए और विभागीय समन्वय के साथ समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ये योजनाएं ऋषिकेश को एक विश्वस्तरीय धार्मिक और साहसिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेंगी। इन परियोजनाओं से न केवल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कांवड़ यात्रा प्रबंधन और ऋषिकेश-गंगा कॉरिडोर परियोजना की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य आमजन की सुविधा को प्राथमिकता में रखते हुए तेजी से पूरे किए जाएं। देहरादून के माजरीग्रांट और हरिद्वार के हरिपुर कलां को जोड़ने वाले मार्ग का विस्तृत तकनीकी अध्ययन किया जाए, क्योंकि यह मार्ग आगामी कांवड़ यात्रा में अहम भूमिका निभा सकता है। चारधाम व कांवड़ यात्रा के सुचारू संचालन हेतु यातायात प्रबंधन और बुनियादी ढांचे को समय रहते मजबूत किया जाए। निर्माण कार्यों में किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरती जाए। विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्यों की गति बढ़ाई जाए। जन सुविधाओं से जुड़ी परियोजनाओं में देरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विकास कार्यों का उद्देश्य आमजन को बेहतर अनुभव देना होना चाहिए। इन निर्देशों के बाद यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और सुगम आवाजाही को लेकर परियोजनाओं में तेजी आने की उम्मीद है। विशेषकर कांवड़ और चारधाम यात्राओं को सुरक्षित व व्यवस्थित बनाने में यह निर्णय निर्णायक साबित हो सकता है। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडेय, चंद्रेश कुमार यादव, वी षणमुगम, डा आर राजेश कुमार व विनय शंकर पांडेय समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।