September 6, 2025

बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए नई पहल, सीएम धामी ने की कई कल्याणकारी घोषणाएं..

बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए नई पहल, सीएम धामी ने की कई कल्याणकारी घोषणाएं..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में वृद्धाश्रम खोले जाएंगे, ताकि जरूरतमंद बुजुर्गों को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण मिल सके। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में गुरुवार को आयोजित वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के संवाद कार्यक्रम में सीएम धामी ने यह घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं। वहीं देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत जिलों में नए वृद्धाश्रम भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

इसके साथ ही हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से वृद्धाश्रम संचालित किए जा रहे हैं। सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में करीब 6 लाख बुजुर्गों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से पेंशन दी जा रही है। साथ ही सरकार ने बदलते सामाजिक परिदृश्यों और रिश्तों की चुनौतियों को देखते हुए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम को भी लागू किया है, जिससे बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। कार्यक्रम में सीएम ने दिव्यांगजनों के लिए भी बड़ी राहत की घोषणाएं कीं। उनका कहना हैं कि दिव्यांगजनों से विवाह करने पर मिलने वाली अनुदान राशि को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। वहीं कक्षा एक से आठ तक दिव्यांग छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए अब आयु सीमा समाप्त कर दी गई है। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि समाज के कमजोर वर्गों चाहे वे वरिष्ठ नागरिक हों या दिव्यांगजन को सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराया जाए।

प्रदेश के बुजुर्गों को अब कानूनी अधिकार प्राप्त हैं कि वे अपने बच्चों या कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की मांग कर सकें। इसके लिए राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू किया है। सीएम ने बुजुर्गों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपका यह बेटा कभी आपके सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं आने देगा। राज्य सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी है। सीएम धामी ने कहा कि एक दिन पहले ही देहरादून में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र का शुभारंभ किया गया है। सरकार का लक्ष्य आने वाले समय में ऐसे दिव्याशा केंद्र सभी जिलों में स्थापित करना है, ताकि दिव्यांग बच्चों को विशेष देखभाल, शिक्षा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सके। सरकार का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना ही नहीं, बल्कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के जीवन में आत्मनिर्भरता, सुरक्षा और सम्मान की भावना को और सुदृढ़ करना है।

इस कार्यक्रम में सीएम धामी ने दिव्यांग शादी अनुदान योजना और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का सॉफ्टवेयर लॉन्च किया। इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाने वाली पेंशन की पांचवीं किस्त का ऑनलाइन भुगतान भी किया गया। कार्यक्रम में सीएम धामी ने कहा कि कई बार सरकार के स्तर पर नीतियां और योजनाएं तो बन जाती हैं, लेकिन उनका वास्तविक लाभ तभी मिलता है जब वे जमीनी स्तर तक पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से पहुंचती हैं। उन्होंने अधिकारियों और विभागों से अपील की कि किसी भी योजना का उद्देश्य तभी सफल होगा, जब लाभार्थियों तक उसका लाभ बिना किसी बाधा और भेदभाव के पहुंचे। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तीकरण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार भी सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं को और अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रही है।

96 हजार से अधिक दिव्यांगों को दी जा रही पेंशन..
वर्तमान में राज्य के 96 हजार से अधिक दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि किसी भी दिव्यांगजन को अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष न करना पड़े और उन्हें आत्मनिर्भर जीवन जीने का अवसर मिले। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक आयु के 86 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 1500 रुपये की पेंशन दी जा रही है। वहीं 18 वर्ष से कम आयु के आठ हजार से अधिक दिव्यांग बच्चों को भरण-पोषण और देखभाल के लिए हर महीने 700 रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए लोगों को भी सरकार ने आर्थिक संबल देने की व्यवस्था की है। तीलू रौतेली पेंशन योजना के तहत ऐसे लोगों को प्रतिमाह 1200 रुपये पेंशन दी जाती है। इसी तरह चार फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को ‘बौना पेंशन’ योजना के अंतर्गत 1200 रुपये प्रति माह की सहायता प्रदान की जाती है। सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा सिर्फ योजनाओं की घोषणा भर नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र लाभार्थी तक सहायता समय पर पहुंचे और दिव्यांगजन भी सम्मान के साथ जीवन जी सकें।