
केदारनाथ धाम में नया पैदल पुल तैयार, हेलिपैड से मंदिर की दूरी हुई कम..
उत्तराखंड: केदारनाथ में आपदा के ग्यारह साल बाद मंदिर तक पहुंचने के लिए स्थायी पैदल पुल तैयार हो गया है। इस वर्ष बाबा केदार के भक्त इसी पुल के माध्यम से मंदाकिनी नदी किनारे बने आस्था पथ से मंदिर तक पहुंचेंगे। लोक निर्माण विभाग ने दो वर्षों में 54 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण पूरा किया है, जिससे श्रद्धालुओं को अब और अधिक सुरक्षित और सुगम मार्ग मिलेगा।
ग्यारह साल बाद केदारनाथ में स्थायी पैदल पुल बनकर तैयार हो गया है, इस पुल के बनने से हेलिपैड से मंदिर तक की दूरी भी कम हो गई है। बता दे कि 2 मई से केदारनाथ यात्रा शुरू होगी। इस बार श्रद्धालु मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर बने 54 मीटर लंबे पुल से होकर आस्था पथ के जरिए मात्र 450 मीटर की दूरी तय कर मंदिर तक पहुंचेंगे। यह नया मार्ग पैदल व हेलिकॉप्टर से पहुंचने वाले यात्रियों के लिए अधिक सुगम और सुविधाजनक होगा। इससे अब भक्तों को हेलिपैड से मंदिर तक पहुंचने में कम समय लगेगा।
आपको बता दे कि बाबा केदार के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर मार्ग से वापस भेजा जाएगा। पहले श्रद्धालु को हेलिपैड से सरस्वती नदी किनारे बने आस्था पथ से होकर भैरवनाथ पुल के रास्ते मंदिर तक 800 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। लेकिन अब संगम पर बने नए 54 मीटर लंबे पुल से यह दूरी घटकर 500 मीटर रह गई है। इस नए पुल के निर्माण से यात्रा मार्ग पहले से अधिक सुगम और सुविधाजनक हो गया है, जिससे श्रद्धालुओं को हेलिपैड से मंदिर तक पहुंचने में कम समय लगेगा।
आपको बता दे कि 16-17 जून 2013 की आपदा में केदारनाथ में भारी तबाही हुई थी, जिसमें संगम पर बना स्थायी पुल भी सैलाब में बह गया था। इसके बाद मंदिर तक पहुंचने के लिए बैली ब्रिज बनाया गया, जिससे नौ वर्षों तक यात्रा संचालित होती रही। 2022 में केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत बैली ब्रिज हटाकर स्थायी पुल के निर्माण का कार्य शुरू किया गया। लोक निर्माण विभाग ने कठिन परिस्थितियों में ढाई साल में 54 मीटर लंबा नया पुल तैयार किया हैं।जिसके बाद अब इसी पुल के माध्यम से श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
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