हरिद्वार और सितारगंज के जेलों में शुरू होगी मशरूम की खेती, सीएम धामी के निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की जेलों को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ‘एक जेल-एक उत्पाद’ की अवधारणा पर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को आयोजित जेल विकास बोर्ड की बैठक में सीएम धामी ने स्पष्ट कहा कि कारागार केवल सजा का स्थान नहीं, बल्कि सुधार, प्रशिक्षण और पुनर्वास के केंद्र होने चाहिए। बैठक में सीएम ने सितारगंज खुली जेल में कच्ची घानी तेल संयंत्र स्थापित करने तथा सितारगंज और हरिद्वार जेल में मशरूम की खेती शुरू करने को स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से न केवल कैदियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि जेलों की आंतरिक आय में भी वृद्धि होगी। सीएम धामी ने निर्देश दिए कि कारागारों में बंद कैदियों के कौशल विकास के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
इसके लिए आईटीआई के माध्यम से विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि जेल से बाहर आने के बाद कैदी आत्मनिर्भर जीवन जी सकें और समाज की मुख्यधारा में सम्मानजनक रूप से लौट सकें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को जेलों के विकास के लिए अपना अलग और प्रभावी मॉडल तैयार करना चाहिए, जिसे देश के अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। सीएम ने जेलों में बनाए जा रहे उत्पादों जैसे फर्नीचर, वस्त्र, खाद्य सामग्री आदि का सरकारी कार्यालयों में अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सीएम ने जेल प्रशासन को कैदियों के भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी समय-समय पर जेलों का निरीक्षण कर भोजन व्यवस्था की समीक्षा करें, ताकि कैदियों को पौष्टिक और स्वच्छ भोजन मिल सके। सीएम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य कारागार व्यवस्था को सुधार और सशक्तिकरण का माध्यम बनाना है, जिससे कैदी अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें और समाज के लिए उपयोगी नागरिक बन सकें
जेलों में चिकित्सा सुविधा को भी मजबूत करने के निर्देश दिए..
बैठक में जेलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ कैदियों के कौशल विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष जोर दिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्रीय कारागार सितारगंज, जिला कारागार अल्मोड़ा, पौड़ी और टिहरी, तथा उप कारागार हल्द्वानी और रुड़की में आधुनिक लॉंड्री मशीनों की स्थापना की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि जिला कारागार देहरादून और हरिद्वार में पहले से स्थापित लॉंड्री मशीनों से सकारात्मक और प्रभावी परिणाम सामने आए हैं, जिससे साफ-सफाई व्यवस्था में सुधार हुआ है और मानव संसाधन पर निर्भरता भी कम हुई है। इसके साथ ही बैठक में जेलों में चिकित्सा सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए। सीएम ने कहा कि कैदियों के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और चिकित्सकीय सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। कैदियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने की दिशा में बैठक में यह भी सहमति बनी कि प्रदेश की खुली जेल सितारगंज में कच्ची घानी सरसों तेल संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
वहीं सितारगंज और हरिद्वार जेल में मशरूम फार्मिंग शुरू की जाएगी। इन योजनाओं से कैदियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा और जेलों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। बैठक में यह भी कहा गया कि जेलों में उत्पादित वस्तुओं का उपयोग सरकारी कार्यालयों में बढ़ाया जाए, जिससे कारागारों की आंतरिक आय में वृद्धि हो और कैदियों को उनके श्रम का उचित लाभ मिल सके। सरकार का उद्देश्य जेलों को केवल दंड स्थल नहीं, बल्कि सुधार, कौशल विकास और आत्मनिर्भरता के केंद्र के रूप में विकसित करना है, ताकि जेल से बाहर आने के बाद कैदी सम्मानजनक और स्वावलंबी जीवन जी सकें। बैठक में जानकारी दी गई कि जिला कारागार हरिद्वार, अल्मोड़ा, केंद्रीय कारागार सितारगंज और उपकारागार हल्द्वानी में बेकरी यूनिट की स्थापना से लगभग 12 लाख रुपये आय हुई है। सितारगंज खुली जेल में गोशाला की स्थापना से 10 लाख रुपये की आय हुई है। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव गृह शैलेश बगोली, एडीडी जेल अभिनव कुमार, सचिव सी रविशंकर आदि अधिकारी मौजूद रहे।

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