August 23, 2025

2026 से खत्म होगा मदरसा बोर्ड, अब अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से लेनी होगी मान्यता..

2026 से खत्म होगा मदरसा बोर्ड, अब अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से लेनी होगी मान्यता..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में अब अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान खोलने के लिए उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता लेना अनिवार्य होगा। इस दिशा में राज्य सरकार ने प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। इसका असर सीधे तौर पर प्रदेश में संचालित 452 पंजीकृत मदरसों पर भी पड़ेगा। राज्य सरकार द्वारा अधिनियम में किए जा रहे संशोधन के अनुसार उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड का अस्तित्व 1 जुलाई 2026 से समाप्त कर दिया जाएगा। इसके बाद सभी मदरसे और अन्य अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को नए नियमों के तहत प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त करनी होगी। वर्तमान में जो 452 मदरसे उत्तराखंड मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं, उन्हें भी नवीन मान्यता प्रक्रिया के तहत दस्तावेजों, शैक्षणिक ढांचे और अन्य मानकों की पूर्ति करनी होगी। प्राधिकरण द्वारा तय किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप इनकी जांच व सत्यापन की प्रक्रिया होगी। राज्य सरकार का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। साथ ही, शिक्षा के अधिकार अधिनियम और अन्य शैक्षणिक मानकों के अनुरूप मदरसों की मान्यता सुनिश्चित की जाएगी।

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की मदरसा शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है। राज्य में अब मदरसों को उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड की जगह उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता लेनी होगी। इसके लिए अधिनियम में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वर्तमान में उत्तराखंड में 452 मदरसे उत्तराखंड मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं, जिनमें करीब 68,000 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन अब सरकार की नई व्यवस्था के तहत 1 जुलाई 2026 से मदरसा एजुकेशन बोर्ड का अस्तित्व समाप्त कर दिया जाएगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह बदलाव सभी शिक्षण संस्थानों को समान शैक्षणिक ढांचे में लाने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे मदरसों के छात्रों को भी बेहतर और समावेशी शिक्षा का लाभ मिल सकेगा।

उत्तराखंड सरकार ने राज्य में संचालित मदरसों के लिए नए नियामकीय ढांचे की घोषणा की है। अब प्रदेश के सभी मदरसों को संचालन के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद से पहले संबद्धता लेनी होगी। इसके बाद ही वे उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त कर सकेंगे। सरकार द्वारा प्रस्तावित व्यवस्था के तहत, अब सभी कार्यवाही उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के माध्यम से ही संचालित की जाएगी। यह बदलाव राज्य में शैक्षणिक मानकों को मजबूत करने और प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।