
तीन दिन तक बंद रहेगी केदारनाथ यात्रा, सोनप्रयाग मार्ग पर भूस्खलन से रास्ता ठप..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में मानसून के कहर के चलते केदारनाथ यात्रा एक बार फिर बाधित हो गई है। मंगलवार शाम सोनप्रयाग-गौरीकुंड पैदल मार्ग पर मुनकटिया से करीब डेढ़ किलोमीटर आगे भारी भूस्खलन हुआ, जिससे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह बंद हो गया। हादसा उस समय हुआ जब तेज बारिश के बीच चट्टान का बड़ा हिस्सा भरभराकर सड़क पर आ गिरा। गनीमत रही कि घटना के वक्त कोई वाहन वहां से नहीं गुजर रहा था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। भूस्खलन के चलते दोनों ओर से यात्री आवाजाही ठप हो गई है। पुलिस ने गौरीकुंड और सोनप्रयाग से यात्रा पर फिलहाल रोक लगा दी है। प्रशासन की टीम मौके पर तैनात है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण मलबा हटाने में कठिनाई आ रही है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार बुधवार सुबह तक मौसम में सुधार होने की संभावना है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि रास्ते को जल्द ही फिर से खोला जा सकेगा। प्रशासन ने यात्रियों से स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की अपडेट के बाद ही यात्रा करने की अपील की है। साथ ही रात्रि प्रवास के लिए सुरक्षित स्थानों पर रुकने को कहा गया है।
मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे तेज बारिश के बीच सोनप्रयाग-गौरीकुंड पैदल मार्ग पर मुनकटिया से करीब डेढ़ किलोमीटर आगे भारी भूस्खलन हुआ, जिससे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। चट्टानों और भारी मलबे ने पूरे मार्ग को ढक दिया है। सोनप्रयाग कोतवाली प्रभारी राकेंद्र सिंह कठैत ने कहा कि बड़े-बड़े बोल्डर और मलबा गिरने से रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। गौरीकुंड और सोनप्रयाग में यात्रियों को रोक दिया गया है ताकि कोई दुर्घटना न हो। इस बीच एनएच के अधिशासी अभियंता ओंकार नाथ पांडे ने कह कि दो मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। लेकिन रुक-रुककर हो रही बारिश और अंधेरा कार्य में बड़ी बाधा बन रहे हैं।
मंगलवार को केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दिनभर हुई बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। सोनप्रयाग से सुबह 6 बजे से यात्रियों को केदारनाथ धाम के लिए भेजा गया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राकेंद्र सिंह कठैत के अनुसार, शाम 5 बजे तक कुल 2000 यात्रियों को भेजा गया, जिनमें से अधिकांश सुरक्षित रूप से केदारनाथ पहुंच गए। वहीं केदारनाथ धाम में दर्शन कर 1300 यात्री शाम तक सोनप्रयाग लौट आए। बारिश की तीव्रता के चलते कई बार यात्रियों को अस्थायी रूप से रोका भी गया, लेकिन जैसे ही मौसम अनुकूल हुआ, यात्रा फिर से शुरू कराई गई। केदारनाथ में भी बारिश के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर रहा। तड़के से हो रही बारिश ने यात्रा को चुनौतीपूर्ण जरूर बनाया, लेकिन भक्तों की आस्था डिगी नहीं।धाम में धार्मिक आयोजन भी जारी हैं। श्रीमद्भागवत कथा पुराण के पांचवें दिन कथावाचक आचार्य स्वयंवर प्रसाद सेमवाल ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्मलीला का वर्णन किया। कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
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