December 22, 2024

रेस्क्यू का छठा दिन, धाम में मौसम खराब, पैदल मार्ग से ही 150 लोगों को भीमबली किया रवाना..

रेस्क्यू का छठा दिन, धाम में मौसम खराब, पैदल मार्ग से ही 150 लोगों को भीमबली किया रवाना..

 

 

 

 

उत्तराखंड: केदारघाटी में आई आपदा के बाद रेस्क्यू अभियान का आज छठा दिन है। धाम में आज भी मौसम खराब है। विजिबिलिटी बाधित होने के चलते हेली सेवाओं से अब तक रेस्क्यू शुरू नहीं किया जा सका है। वहीं विपरीत परिस्थितियों के बीच पैदल मार्ग से रेस्क्यू अभियान जारी है। आज करीब 150 स्थानीय लोगों को केदारनाथ से भीमबली के लिए एनडीआरएफ एव एसडीआरएफ की देखरेख में रवाना किया गया है। जंगलचट्टी से भी 161 लोगों को एनडीआरएफ चीरबासा लेकर पहुंच रही है। वहीं सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी पर सेना द्वारा बनाए गए पैदल पुल का निर्माण पूरा होने से भी रेस्क्यू एव राहत कार्यों में बड़ी राहत मिली है।

पांच दिनों में शासन-प्रशासन के रेस्क्यू अभियान में 11775 यात्री व स्थानीय लोगों को धाम सहित पैदल मार्ग से सुरक्षित निकाल दिया गया है। अब धाम में 50 श्रद्धालुओं सहित 2300 लोग हैं, जिसमें 400 मंगलवार को पैदल मार्ग से वापस लौट आएंगे। इन लोगों का एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवानों के साथ ही हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जाएगा। इसके बाद केदारपुरी में बेस कैंप से मंदिर क्षेत्र तक 1900 लोग रहेंगे। जिसमें बीकेटीसी स्टॉफ, तीर्थपुरोहित, हक-हकूकधारी, जीएमवीएन स्टॉफ, सुरक्षा कर्मी व मजदूर शामिल हैं। कोरोनाकाल के बाद यह दूसरा मौका होगा, जब मंगलवार से बिना दर्शनार्थियों के बाबा केदार की पूजा-अर्चना होगी।

आपको बता दे कि 10 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में 31 जुलाई तक 10 लाख 91 हजार 316 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। इसी दिन देर शाम को गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली से लिनचोली के बीच अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हो गया। जिससे हजारों यात्री पैदल मार्ग पर कई जगहों पर फंस गए थे। साथ ही एक अगस्त से पैदल व हवाई यात्रा भी ठप हो गई थी।

शासन-प्रशासन द्वारा पैदल मार्ग और केदारनाथ में फंसे व रुके यात्रियों व स्थानीय लोगों के लिए विशेष रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जिसमें पांच दिन में 11775 यात्री व स्थानीय को सुरक्षित निकाला गया है। इन यात्रियों में 3347 को हेलिकॉप्टर से, 7597 को पैदल मार्ग से और 708 को भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से रेस्क्यू किया गया। खास बात यह रही कि भारत सरकार ने भी रेस्क्यू के लिए सेना का एमआई-17 और चिनूक हेलिकॉप्टर भेजा। साथ ही अन्य मदद भी की। शासन के अनुसार सोमवार को केदारनाथ पैदल मार्ग का रेस्क्यू पूरा कर दिया गया है। मंगलवार से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत का काम किया जाएगा। इधर बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ योगेंद्र सिंह का कहना हैं कि जो 50 यात्री धाम में हैं वह अपनी स्वेच्छा से रुके हैं। मंगलवार को इन यात्रियों के साथ ही 400 लोग पैदल मार्ग से वापस लौट जाएंगे।