September 29, 2025

हर योजना से पहले सैटेलाइट जीआईएस मैपिंग के जरिए लोकेशन की होगी जांच..

हर योजना से पहले सैटेलाइट जीआईएस मैपिंग के जरिए लोकेशन की होगी जांच..

 

 

 

उत्तराखंड: सड़क, बिजली, पेयजल, सीवरेज, दूरसंचार, स्कूल, अस्पताल समेत राज्य सरकार की किसी भी योजना पर काम करने से पहले अब लोकेशन की सैटेलाइट कुंडली खंगाली जाएगी। विभागों के योजनाकारों के पास उस स्थान की जीआईएस मैपिंग से तैयार तस्वीरें होंगी, जिनकी मदद से वे आसानी से पता लगा सकेंगे कि जिस स्थान पर वे सीवर लाइन बिछाने जा रहे हैं, वहां पहले से पेयजल लाइन है या नहीं।

डिजिटल मैप से उन्हें प्रोजेक्ट साइट पर पहले से तैयार हर योजना की जानकारी होगी। इसका मतलब यह है कि शहरों में सीवर लाइन बिछाने के दौरान पेयजल लाइनें बर्बाद नहीं होंगी। यह पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान से संभव होगा। अभी तक इस योजना पर राज्य का उद्योग विभाग काम कर रहा था। लेकिन यह सिर्फ औद्योगिक क्षेत्रों तक ही सीमित रहा।

इसका दायरा सभी विभागों तक बढ़ाने के लिए इसकी कमान नियोजन विभाग को सौंपी गई है। सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी पुष्टि की है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में सभी विभागों को पुरानी, ​​नई और भावी योजनाओं की जीआईएस मैपिंग कराने के साथ ही उनका डाटा भी योजना के डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय स्तर पर 340 प्रकार के जीआईएस मानचित्र पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। यह कार्य निरंतर जारी है। इसे सभी विभागों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।