
प्रदेश में शिक्षा का नया युग, ब्लॉकों में अंग्रेजी माध्यम स्कूल और 2,000 नई शिक्षक भर्ती..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों को और अधिक आकर्षक बनाने और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा सकता है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को शुरू करने से बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का एक और विकल्प मिलेगा, जिससे शिक्षा का स्तर ऊंचा हो सकता है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जिस तरह से ब्लॉक स्तर पर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की बात कही है, वह प्रदेश में शिक्षा की समानता और पहुँच को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है। इससे न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि सरकारी स्कूलों को भी एक नया रूप मिलेगा, जो अधिक छात्रों को आकर्षित करेगा।
शिक्षा मंत्री का यह कदम वास्तव में सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने की दिशा में अहम है। घटती छात्र संख्या की समस्या, विशेष रूप से सरकारी स्कूलों में, एक गंभीर चुनौती रही है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि अंग्रेजी माध्यम का अभाव, शिक्षकों की कमी, और स्कूलों में सुविधाओं का अभाव। मंत्री का यह कहना कि अभिभावकों की मांग अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को लेकर बढ़ रही है, यह संकेत देता है कि लोग शिक्षा के स्तर और अवसरों के मामले में अधिक जागरूक हो रहे हैं। अगर सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के विकल्प मिलते हैं, तो इससे कई परिवारों के लिए ये स्कूल एक बेहतर विकल्प बन सकते हैं। इसके अलावा, शिक्षक की कमी का मुद्दा भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि अच्छे और प्रशिक्षित शिक्षकों के बिना शिक्षा की गुणवत्ता नहीं सुधर सकती। 486 लाख के निर्माण कार्यों का शिलान्यास भी इस बात का संकेत है कि सरकार शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दे रही है। अगर ये निर्माण कार्यों से स्कूलों में सुविधाओं का सुधार होता है, तो यह छात्रों के लिए एक अच्छा वातावरण प्रदान करेगा।
शिक्षा मंत्री द्वारा विभाग में दो हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा एक बड़ी और सकारात्मक पहल है। यह कदम न केवल शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद करेगा, बल्कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। सही और पर्याप्त संख्या में शिक्षक होने से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी, और यह सरकारी स्कूलों को और अधिक आकर्षक बनाएगा। अधिकारियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की बात भी एक आधुनिक और प्रभावी कदम है। इससे अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर पालन करने में मदद मिलेगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी। ऑनलाइन उपस्थिति से कामकाजी दक्षता में सुधार होगा और विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन पर निगरानी रखने में आसानी होगी। कार्यक्रम में शामिल विधायक उमेश शर्मा काऊ, निदेशक एससीईआरटी बंदना गब्र्याल और अन्य शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति से यह भी जाहिर होता है कि यह एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें सरकार और शिक्षा विभाग मिलकर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
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