September 19, 2025

चुनाव आयोग की बड़ी कवायद, प्रदेश में होगा मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण..

चुनाव आयोग की बड़ी कवायद, प्रदेश में होगा मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में चुनाव आयोग ने इस साल की मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत राज्य की मौजूदा मतदाता सूची का वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मिलान किया जाएगा। अगर किसी मतदाता का नाम उस सूची में नहीं पाया जाता है, तो उसे निर्धारित नियमों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने इस कार्ययोजना को लेकर तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। गुरुवार को इसकी टेबल टॉप एक्सरसाइज की गई, जिसमें सभी चरणों पर विस्तार से चर्चा हुई। अधिकारियों के अनुसार, यह कवायद मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, त्रुटिरहित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, इस विशेष पुनरीक्षण अभियान में बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) की भूमिका अहम होगी। वे घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी सत्यापित करेंगे और दस्तावेजों की जांच करेंगे। जिन लोगों का नाम 2003 की सूची में नहीं होगा, उन्हें अपनी पहचान और निवास संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। सीईओ कार्यालय ने कहा कि इस प्रक्रिया से न केवल मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा, बल्कि फर्जी नामों और दोहराव जैसी गड़बड़ियों को भी दूर किया जाएगा। आयोग का लक्ष्य है कि आगामी चुनावों से पहले हर पात्र मतदाता का नाम सूची में दर्ज हो और कोई भी छूटे नहीं। आयोग जल्द ही जिला स्तर पर अधिकारियों को प्रशिक्षण देगा ताकि पुनरीक्षण प्रक्रिया को तेज और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। इसके साथ ही, आम जनता को भी जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक दलों को विस्तार से जानकारी दी गई। सीईओ ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद-324, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा-21 तथा अन्य सुसंगत नियमों के तहत भारत निर्वाचन आयोग को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) करने का अधिकार प्राप्त है। इसी क्रम में राज्य में जनवरी 2026 की अर्हता तिथि को आधार मानते हुए एसआईआर की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। बैठक के दौरान टेबल टॉप एक्सरसाइज भी की गई, जिसमें पुनरीक्षण प्रक्रिया की रूपरेखा, संभावित चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को बताया कि इस प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने पर जोर दिया जाएगा। डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि मतदाता सूची में फर्जी नामों, दोहराव और त्रुटियों को दूर करने के साथ ही नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा जाएगा। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे भी अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करें ताकि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो सके।

मतदाताओं को चार श्रेणियों में बांटा गया..

चार श्रेणियों में मतदाताओं को बांटा गया है। पहली श्रेणी-ए के वो मतदाता जो 2025 की मतदाता सूची में शामिल हैं, जिनकी आयु 38 वर्ष या इससे अधिक है। उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में भी पंजीकृत होगा तो सत्यापन के समय केवल एब्सट्रेक्ट प्रस्तुत करना होगा। श्रेणी-बी के ऐसे मतदाता जिनका नाम 2025 की सूची में है। उम्र 38 वर्ष या इससे ऊपर है लेकिन 2003 की मतदाता सूची में नाम नहीं है। उन्हें आयोग के सामने 11 दस्तावेज (पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्र राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों की ओर से कर्मचारियों को जारी किए गए फोटो पहचान पत्र, बैंक या डाकघर से जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, सांसदों, विधायकों, एमएलसी की ओर से जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र या आधार कार्ड) देने होंगे। श्रेणी-सी के ऐसे मतदाता जिनका नाम 2025 की वोटर लिस्ट में है और आयु 20 से 37 वर्ष के बीच है और श्रेणी-डी के ऐसे मतदाता जिनकी आयु 18-19 साल है को 11 दस्तावेज में से स्वयं का कोई एक और एक अपने माता-पिता का प्रस्तुत करना होगा।

बैठक की अध्यक्षता मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने की। इस मौके पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी और सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में सीपीआई (एम) से अनंत आकाश, कांग्रेस से डॉ. प्रतिमा सिंह और दिनेश सिंह, बीएसपी से सत्येंद्र सिंह और सतेंद्र, जबकि बीजेपी से पुनीत मित्तल, संजीव विज और पंकज शर्मा शामिल हुए। सभी दलों के प्रतिनिधियों को आयोग की तैयारियों और मतदाता सूची के सत्यापन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इस दौरान उत्तराखंड की वर्ष 2003 की मतदाता सूची जारी कर दी है। अब राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को अपने नाम की खोज करनी होगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी मतदाता को लिए गए निर्णय से आपत्ति या असंतोष होता है, तो वह 15 दिन के भीतर जिला मजिस्ट्रेट (DM) के समक्ष प्रथम अपील दाखिल कर सकता है। वहीं, यदि निर्णय से वह अब भी संतुष्ट नहीं होता है, तो उसे 30 दिन के भीतर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के समक्ष दूसरी अपील करने का अधिकार होगा। बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि प्रदेश में 11,733 पोलिंग बूथ है। इनमें हर राजनीतिक दल का एक-एक बीएलए नियुक्त किया जाना है। अब तक केवल 2744 ही नियुक्त हुए हैं। उन्होंने राजनैतिक दलों से आह्वान किया है कि वे जल्द से जल्द बीएलए नियुक्त करें।